मार्ग का डामरीकरण उखड़ा, भानापुर मोड़ से तुकूम मंगरमेंढा तक हालात खराब

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    सावली. ग्राम विकास के लिए पक्के मार्ग अति आवश्यक होते हैं. किंतु ग्रामीण परिसर के मार्गों की हालत आज बदतर दिखाई दे रही हे. मुख्य मार्ग ही बदहाल हो चुके हैं. इसकी वजह से बस चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी प्रकार का एक मार्ग भानापुर मोड़ से तुकूम मंगरमेंढा है. इस मार्ग का डामरीकरण पूरी तरह से उखड़ चुका है. किंतु ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसलिए किसी बड़ी दुर्घटना के पूर्व इसकी मरम्मत करने की मांग लोगों ने की है.

    दुर्घटना की आशंका बढ़ी

    मार्ग की हालत ठीक नहीं होने की वजह से बस समेत अन्य वाहनों के चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इस संबंध में सूचना देने के बावजूद सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग अनदेखी कर रहा है. इसकी वजह से लोगों में रोष बढ़ रहा है. इसलिए लोगों की समस्या को देखते हुए तुरंत मार्ग की मरममत की मांग कृषि उपज बाजार समिति के संचालक खुशाल लोडे ने की है.

    8 गांवों का संपर्क

    तहसील में पाथरी परिसर के भानापुर से तुकूम मंगरमेंढा परिसर पिछड़ा, दुर्गम परिसर के रूप में पहचाना जाता है. परिसर के 7 से 8 गांवों का लगातार संपर्क आता है. परिसर के निवासियों का जीवनस्तर पारंपारिक पद्धति पर निर्भर है. शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच रहा है. परिसर से जाने वाले मुख्य मार्ग का डामरीकरण पूरी तरह से उखड़ चुका है.

    ग्राम विकास के बेहतर मार्ग की आवश्यकता होती है. किंतु परिसर के मार्गों की हालत को देखते हुए तहसील के अविकसित होने का आभास होता है. इसलिए लोकनिर्माण विभाग से मार्ग के मरम्मत की मांग बाजार समिति के संचालक लोडे, शंकर घोड़मारे, विनायक चौधरी, उमा रंदये, प्रल्हाद धारने, गणेश दाजगाये, रेवनाथ बगड़े, मनोज दाजगाये, शोभा चौधरी, उर्मिला रंदये, दीपाली चौधरी, वंदना नन्नावरे, छाया चौधरी आदि ने की है.