राष्ट्रसंत के पवित्र भूमि पर वर्चस्व की लड़ाई, भू वैकुंठ अडयाल टेकडी में फैली अराजकता

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  • कई गुरूदेवसवेकों ने जताया विरोध

ब्रम्हपुरी: राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के पावन स्पर्श से पावन हुई भुवैकंठ अडयाल टेकडी में इन दिनों गुरूदेवसवेकों में आपसी विवाद चर्चाओं में है. वर्चस्व लड़ाई अपने चरम पर है. यहा हो रहे उपद्वव की कुछ गुरूदेव भक्तों ने भर्त्सना की है. पत्र परिषद लेकर अपना विरोध जताया है.

गुरूदेव भक्तों का कहना है कि भु वैकुंठ अडयाल टेकडी के पूर्व संचालक मधुकर तुडूंलवार पर आरोप लगाया है कि वें गैरकानूनी तरीके से अडयाल टेकडी पर कब्जा जमाना चाहते है.

उल्लेखनीय है कि भु वैकुंठ अडयाल टेकडी राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के वर्ष 1967 को अपने पदस्पर्श से पावन कर यहां की जिम्मेदारी तुकाराम दादा को सौपी थी. अडयाल टेकडी स्व.. तुकाराम दादा की तपोभूमि एवं कर्मभूमि है.उनके पश्चात यहां की सम्पूर्ण संपत्ति पर जनता जनार्धन का अधिकार रहा है. तुकाराम दादा ने अपने पश्चात नारखेडे दादा को उत्तराधिकारी बनाया. टेकडी के सम्पूर्ण देखभाल की लिखित स्वरूप में पत्र लिखकर दिया था. वें अंतिम क्षणों तक पूरी तरह समर्पित रहे. और सुबोधदादा को भुवैकुंठ का काम संभालने के लिए संचालक पद का नियुक्तिपत्र दिया.

पत्र परिषद में गुरूभक्तों का आरोप है कि चोरटी गांव और अडयाल के कुछ 10-15लोगों ने मिलकर टेकडी पर कब्जा जमाने के लिए महिला पुरूषों को त्रास देकर उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया है. मकर संक्रांति के दिन चोरटी की एक विक्षिप्त महिला ने  यहां उपद्वव मचाते हुए मोखरा निवासी एक वृध्द को घायल कर दिया. महिला विभाग प्रमुख के बाल नोचने का प्रयास उस महिला ने किया. इस घटना का सभी गुरूदेवभक्तों ने निषेध किया है.

इस संदर्भ में गुरूदेव भक्तों की बैठक श्री मुरलीधर मंदिर, तिलकनगर ब्रम्हपुरी में ली गई. बैठक में श्री गुरूदेव सेवा मंडल ब्रम्हपुरी के सभी कार्यकर्ता, श्री गुरूदेव सेवा मंडल किन्हाला, श्री गुरूदेव सेवामंडल चप्राड, श्री गुरूदेव सेवामंडल मांदेड, श्री गुरूदेव सेवा मंडल मोखरा, चौगान, चिचाल, आमगांव, गडचिरोली, पांढरवाणी, ढोरपा, पहार्णी, तोरगांव बु., लाखापुर, पांजरेपार, खेड डोंगरगांव, बु. भिकेश्वर, मांगरूल के गुरूदेव भक्त उपस्थित थे.