- स्ट्रीट फूडस स्थलों पर बेपरवाह नजर आते है लोग
चंद्रपुर: महाराष्ट्र के कई क्षेत्र कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे है. पिछले वर्ष मार्च में जिस तेजी से कोरोना फैला था उसी तेजी से इस वर्ष भी मार्च के महीने में ही कोरोना बढता जा रहा है. चंद्रपुर जिले से सटे नागपुर, यवतमाल आदि जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या में रोजाना बढोत्तरी हो रही है. इसके बावजूद चंद्रपुर शहर में कोरोना के प्रति लोगों में किसी तरह को कोई खौफ अब नजर नहीं आ रहा है. मुख्य मार्केटों, स्ट्रीट फूडस दुकानों, बस स्टैंड से लेकर सभी सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ पूर्व की तरह नजर आने लगी है.
जिस तरह से कोरोना पिछले साल फैला था उसे देखते हुए केन्द्रीय गृहमंत्रालय को लॉकडाऊन लगाना पड़ा था और सभी कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया था. इस बार भी वैसे ही स्थिति बनती दिखाई दे रही है. पिछले एक साल के दौरान लोगों में कोरोना के प्रति पहले जो जोरदार डर बना हुआ था वह काफी हद तक दूर हो चुका है. कोरोना के डर के बजाय सार्वजनिक स्थलों पर लोग मास्क इसलिए पहने हुए नजर आ रहे है कि उन्हें बिना मास्क पहननेवालों की तरह मनपा प्रशासन दंडित ना कर दे और 200 रुपयों का नुकसान उठाना ना पड़े.
इसलिए सार्वजनिक स्थलों पर बडी संख्या में ऐसे लोगों की उपस्थिति रहती है जो मास्क तो लगा रखते है पर वह गले तक ही लटका हुआ रहता है. सोशल डिस्टसिंग की तो कोई परवाह नहीं होती है. एक दूसरे को धक्के मारते हुए आगे निकलने की होड़ मची रहती है. घर से निकलते हुए हाथों को सैनिटाईज कर दिया जाता है या फिर साबून से अच्छी तरह से धो लिया जाता है और मास्क कुछ समय के लिए नाक और मूंह को ढंका हुआ रहता है और कुछ देर बाद वह गले पर लटका हुआ होता है.
इसके बाद खरीददारी करने से लेकर सड़क पर बिकनेवाले फूडस का स्वाद चखने तक किसी तरह की कोई सावधानी नहीं बरती जाती है.घर पहुंचने पर मास्क को एक कोने में फेंककर हाथ मूंह अच्छे धो लिया तो कोरोना से बचाव हो गया यही मानसिकता लिए लोग सार्वजनिक स्थानों पर घुमते नजर आ रहे है. दूरी के नियम की तो किसी को कोई चिंता नहीं है.
मनपा और जिला प्रशासन के स्पष्ट आदेशों के बाद छोटे बड़े दुकानदारों ने कोरोना से बचाव के नियमों का पालन शुरू कर दिया है. दुकानदार बिना मास्क लगाये लोगों को प्रवेश देने में मनाई कर रहे है, साथ ही सभी ने दुकान में सैनिटाईजर की व्यवस्था कर रखी है. दुकानदारों को जुर्माना लगने का डर सता रहा है.
चंद्रपुर शहर दो हिस्सों में बंटा हुआ है एक हिस्सा परकोटे के भीतर का है और दूसरा हिस्सा परकोटे के बाहर का है जो विस्तृत रूप से चारों दिशा में फैला हुआ है. शहर में गोल बाजार और गंजवार्ड दो मुख्य मार्केट है इसके अलावा पठानपुरा गेट से लेकर जटपुरा गेट तक और जटपुरा गेट से लेकर अंचलेश्वर गेट तक दोनों ही छोर पर दुकानें, प्रतिष्ठान है. गांधी चौक, जटपुरा गेट, गिरनार चौक शहर के प्रमुख क्षेत्र है.
परकोटे के बाहर रामनगर क्षेत्र, सिविल लाईन एरिया, बस स्टैंड से बंगाली कैम, तुकूम आदि क्षेत्र है. शहर में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां स्ट्रीट फूडस की दुकानें नहीं है. चायनीज आयटम से लेकर गोलगप्पे आदि के शौकीनों की ना केवल शाम के समय बल्कि दिन भर में भीड़ नजर आती है. बागला चौक, भवानजी भाई हाईस्कूल के सामने, गिरनार चौक, गांधी चौक, मिलन चौक, जयंत टाकीज चौक, आजाद बगीचा चौक, रामाला तालाब परिसर, छोटा बाजार चौक आदि क्षेत्र परकोटे के भीतर के है जहां स्ट्रीट फूडस की दुकानें देर शाम होते ही सजने लगती है.
चायनीज फूडस से लेकर गोलगप्पे, बिरयानी, रोस्टेट चिकन, आईसक्रीम, कुल्फी आदि की दुकानें लगती है. शहर के बाहर जटपुरा गेट, सेंट माईकल कान्वेट के सामने चौक, वरोरा नाका चौक, जनता कालेज चौक, विवेकनगर मच्छीनाला परिसर, बंगाली कैम्प से लेकर तुकूम परिसर में आजाद चौक से लेकर आगे हर चौक में यह दुकानें नजर आती है.
जहां लोगों की भीड़ रोजाना नजर आती है और फास्ट फूड के शौकीन महिला, पुरूष, वृध्द और बच्चे कुछ अच्छा खाने की चाह में कोरोना के खतरे को नजर अंदाज करते है. यही स्थिति मार्केट में सब्जी भाजी खरीददारी करते हुए और मुख्य मार्गों पर रोड पर लगनेवाली दुकानों से सामान खरीदी करते हुए होती है.
कोरोना की दूसरी लहर अपना असर दिखाने के बाद भी चंद्रपुर शहर में भीड़ है कि कम होने के नाम ही नहीं ले रही है. लोग स्वयं की कोरोना को न्यौता दे रहे है, कोरोना फैलने से स्वाभाविक है जिस तरह से नागपुर में सख्त लाकडाऊन लगाना पड़ा है वैसे ही स्थिति चंद्रपुर शहर में भी निर्माण हो सकती है.