विदर्भ के ताजमहल का प्रतीक है राजा वीरशाह की समाधि

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– सुरेश वर्मा

चंद्रपुर. कहावत है कि प्रेम की कोई भाषा नहीं होती है। इसलिए प्रेमी अपने अपने तरीके से प्रेम का इजहार करते है। आज के युवाओं ने अपनी सुविधा के अनुसार वर्ष में एक दिन 14 फरवरी ‘वैलेंटाईन डे’ निर्धारित कर लिया है। इस दिन युवक-युवतियां अपने अपने तरीके से प्रेम का खुलकर इजहार करते है। वैसे प्रेम इजहार करने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। कई राजाओं ने अपनी प्रेम की निशानी के रुप में महारानी की समाधी बनावाई है। दुनिया के अजूबों में एक ताजमहल शाहजहां और मुमताज के अमरप्रेम की मिसाल है। शाहजहां की तरह चंद्रपुर में किसी राजा ने नहीं बल्कि एक रानी ने अपने पति की याद में याद में स्मारक बनाया है। चंद्रपुर में स्थित राज वीरशाह की समाधि राज्य में एकमात्र समाधि है जो किसी रानी  ने अपने पति के प्रेम के प्रतीक के रुप में बनाई है।

विश्व का एक अजूबा ताजमहल है समाधि

प्रेम की निशानी की बात की जाये तो देश में सबसे पहला नाम रानी मुमताज की याद में महाराज शाहजहां द्वारा बनाया गया ताजमहल का नाम आता है। आज आज विश्व के सात अजूबों में एक है और देश का ताज। ताजमहल को देखकर कई प्रेमिकाएं अपने प्रेमी से कहती है कि यदि तुम मेरी याद में ताजमहल बनाने का वादा करो तो मैं बुर्ज से कूदकर जान ने दूं। किंतु ऐसा नसीब सबका नहीं होता है।

रानी हिराई ने राजा वीरशाह की याद में बनवाई समाधि

चंद्रपुर के अंचेलेश्वर मंदिर के पास स्थित गोंडशासक राज वीरशाह की समाधि के बारे में इतिहासकार अशोकसिंह ठाकुर ने बताया कि समृध्द गोंड राज्य के स्वर्णिय युग में राज करने वाले चंद्रपुर के गोंड राजा वीरशाह की समाधि पूरे महाराष्ट्र में राज्य करने वाले शिवाजी महाराज और औरंगजेब जैसे राजाओं की समाधि से भी बडी है। राजा वीरशाह की सन 1804 में हत्या कर दी गई थी। उनकी मृत्यु के बाद रानी हिराई ने अपने पति राजा वीरशाह की याद में इस विशाल समाधि का निर्माण किया। इस समाधि का महत्व इसलिए भी है कि राजा वीरशह की पत्नी रानी हिराई ने अपने पति के प्रेम के प्रतीक के रुप में यह समाधि बनाई है। 

मुगल वास्तुकला का नमूना है समाधि

यह समाधि मुगल वास्तुकला के अधार पर बनी है। समाधि की बनावट मकबरे जैसी दिखाई देती है। समाधि के भीतरी बनावट को देखने पर अहसास होता है कि इसे निर्माण की प्रेरणा ताजमहल से ली गई है। इसके भीतर के झरोखे और भीतरी कलाकृतियां ताजमहल में बने महारानी मुमताज महल के मकबरे के झरोखे और कलाकृतियों से मेल खाते है। ताजमहल सफेद संगमरमर का बनाया गया है तो राजा वीरशाह की पूरी समाधि बालुई पत्थरों से निर्मित है। आमतौर पर बडे राजाओं ने अपनी रानियों की याद में मकबरे और स्मारक बनवाये है। लेकिन किसी राजा की याद में रानी द्वारा प्रेम के प्रतीक के रुप में विशाल वास्तु का निर्माण करने का संभवत: यह एकामात्र उदाहरण होगा।