राजुरा. नरभक्षी बाघ को पकड़ने में जुटे वनकर्मियों को निरंतर चकमा दे रहे बाघ ने दोपहर में खांबडा गांव के समीप रहने वाले एक किसान को अपना निवाला बनाकर वनविभाग को और चिंता में डाल दिया. बाघ के हमले में यह दसवीं मौत है. घटना विरूर वनपरिक्षतेत्र के कंपार्टमेंट क्र.178 में यह घटना घटी. मवेशी चराने गया था किसान सूत्रों के अनुसार किसान मारोती पेंदोर का खांबाडा गांव के समीपस्थ खेत है. जंगल क्षेत्र में अपने पालतू जानवरों को लेकर चराने के लिए गया हुआ था.
सोमवार की सुबह से गया मारोती रात तक वापस नहीं लौटने पर उसके परिवार में चिंता बढ़ गई. क्षेत्र में बाघ की दहशत होने से रात में कोई भी उसे खोजने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. मंगलवार की सुबह जब उसकी खोज की गई तो उसका शव नजर आया जिसे बाघ ने लगभग 60 प्रश खा लिया था. आमतौर बाघ किसी भी व्यक्ति का शिकार करता है तो केवल उसका खून पीता है और उसका शव वहीं छोड़ कर चला जाता है.
इस मामले में बाघ द्वारा मांस को खाने से बाघ के पूरी तरह से नरभक्षी होने का प्रमाण है. घटना की जानकारी मिलते ही वनकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और पंचनामा कर उन्होंने शव को पोस्टमार्टम के लिए राजुरा ग्रामीण अस्पताल रवाना किया. मार गिराने की मांग इस घटना के बाद लोगों में जबरदस्त रोष है. अब तक 10 लोगों की जान ले चुके बाघ को मार गिराने के बिना कोई विकल्प नहीं है, ऐसा लोगों का कहना है. वनविभाग बाघ को तुरंत मार गिराये अथवा किसानों के खेतों को करंटयुक्त बाड़ लगाकर उन्हें बाघ से बचाने की मांग की जा रही है.