Tiger scare in paddy harvesters
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तहसील के जंगल से सटे गांवों मे बाघ की हदशत बनी है।

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  • पखवाडे भर में चार हमले

ब्रम्हपुरी. तहसील के जंगल से सटे गांवों मे बाघ की हदशत बनी है। पखवाडे भर में बाघ ने हमला कर दो को मार डाला, एक को गंभीर और एक मामूली रुप से चोटिल कर दिया है। इस प्रकार की घटनाओं से जंगल व्याप्त परिसर के ग्रामीणों में बाघ की हदशत छाई है। धान कटाई का मौसम शुरु हो गया किंतु बाघ की दहशत से किसान और मजदूर खेतों में जाने से कतरा रहे है।

किसानों को नहीं मिल रहे मजदूर

ब्रम्हपुरी तहसील की मुख्य फसल धान है अब धान की फसल पककर तैयार हो गई और उसकी कटाई करनी है। किसान धान कटाई के लिए मजदुरों की तलाश कर रहे है किंतु  मजदूर नहीं मिल रहे है। इसकी वजह से किसान चिंतीत है वहीं मजदुरों को भी चिंता सता रही है कि दीपावली आ रही है और पास में पैसा नहीं है किंतु जान हथेली पर लेकर कैसे काम करें। इसलिए वनविभाग से बाघ के बंदोबस्त की मांग की है।

बाघ के हमले में 2 की मृत्यु 2 घायल

14 अक्टूबर को तहसील के दक्षिण वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले आवलगांव नियम क्षेत्र के कम्पार्टमेंट क्रं. 1142 परिसर में हलदा निवासी उमाजी मस्के (70) पर बाघ ने हमला कर दिया जिसमें उसकी मृत्यु हो गई। अगले दिन उसका शव अगले दिन 15 अक्टूबर को जंगल में मिला था। 15 अक्टूबर की शाम 4 बजे बाघ ने बोडधा निवासी बैकुंठ यादव ठाकरे पर हमला कर दिया था। जिसमें वह घायल हो गया। उसने शोर शराबा किया उसकी आवाज सुनकर पास के खेत में काम कर रहे किसान दौड पडे जिससे बाघ जंगल में भाग गया। 18 अक्टूबर की दोपहर 3 बजे सायगांव निवासी साधोजी लेनगुरु अपने बैल चराने के लिए सायगांव क्रं. 1020 जंगल में गया था। वहा दबिश देकर बैठे बाघ ने उस पर हमला कर दिया जिसमें वह घायल हो गया। उसे उपचार हेतु जिला सरकारी अस्पताल ब्रम्हपुरी में दाखिल किया गया। इसके पूर्व वांद्रा निवासी नैतिक होते नामक युवक सुबह के समय पर दौड़ने गया था तो वहा बाघ ने हमला कर दिया जिसमें उसकी मृत्यु हो गई थी।

झुंड बनाकर मजदूर जा रहे खेतों में 

तहसील का मुख्य व्यवसाय खेती है। यह परिसर जंगल से व्याप्त होने की वजह से बाघ की दहशत बढती जा रही है इसके अलावा अन्य हिंसक जानवरों की दहशत बनी है। किंतु जिंदगी और भरण पोषण के लिए किसान और मजदुरों को खेतों में जान भी आवश्यक है। इसलिए किसान और मजदूर झुंड बनाकर खेतों में जा रहे है और शाम होते ही झुंड में अपने घरों को लौट रहे है। इसके बावजूद उनमें बाघ की दहशत बरकरार है। इसलिए ग्रामवासियों ने तुरंत बाघ के बंदोबस्त की अपील की है।