केवल 5 स्पेशल ट्रेनों का आवागमन, यात्रियों को हो रही है असुविधा

  • पैसेंजर ट्रेनों की पुरजोर मांग

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चंद्रपुर. कोरोना संक्रमण को देखते हुए ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. अनलॉक की स्थिति आने के बाद केवल स्पेशल ट्रेनों का  परिचालन शुरू हुआ है. त्यौंहारों के इस मौके पर विशेष ट्रेनों में बढोत्तरी की आशाएं लगाये लोगों को निराशा हाथ लग रही है. इस समय चंद्रपुर जिले से होकर केवल 5 स्पेशल ट्रेनें गुजर रही है. इन ट्रेनों में यात्रा करने के लिए पहले से ऑनलाईन बुकिंग करनी पड़ रही है. जहां एक ओर बल्लारशाह रेल स्टेशन पर टिकट काऊंटर बंद है वही चंद्रपुर रेलवे स्टेशन पर एक टिकट काऊंटर से टिकट मिल रही है. ट्रेनों में जनरल कोचेस नहीं होने से सामान्य यात्रियों की आफत बनी हुई है. वहीं ग्रामीण अंचलों में यात्रा करनेवाले यात्रियों की ओर से पैसेंजर ट्रेनों की पुरजोर मांग उठ रही है.

देश के कोने कोने से आकर बसे है लोग

उल्लेखनीय है कि वर्धा,सेवाग्राम के बाद चंद्रपुर, बल्लारशाह प्रमुख रेलवे जंक्शन है. इसके बाद तेलंगाना राज्य की सीमा लग जाती है. इसके चलते इन दोनों स्टेशनों का काफी महत्व है.चंद्रपुर और बल्लारपुर एवं आसपास के सटे शहरों में बड़े पैमाने पर उद्योग, सीमेंट, कंपनियां, कागज उद्योग, कोयला खदानें होने से यहां दोनों ही शहरों में देश के कोने कोने से लोग आकर बसे हुए है. इनमें दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीयों के अलावा पश्चिम बंगाल,गुजरात, राजस्थान, पंजाब, कश्मीर तक के लोगों का समावेश है. यह सभी मुख्य रूप से लम्बी दूरी की सुपरफास्ट, राजधानी जैसी ट्रेनों से ही यात्रा करते है. इस समय केवल 5 स्पेशल ट्रेनें शुरू होने से मुख्य पर्वों में अपने पैतृक नगरों एवं ग्रामों तक आवागमन करने में काफी असुविधाओं का सामना इन यात्रियों का करना पड़ रहा है.

वेटिंग क्लियर नहीं हुई तो यात्रा रद्द

स्पेशल ट्रेनों के लिए ऑनलाईन बुकिंग करना पड़ रहा है. लम्बी प्रतीक्षा के बाद रिजर्वेशन मिल पा रहा है. जो यात्री वेटिंग लिस्ट में होते है यदि चार्ट बनने तक उन्हें रिजर्वेशन प्राप्त नहीं हुआ था तो उन्हें यात्रा रद्द करना ही एकमात्र रास्ता है क्योकि वेटिंग टिकट पर यात्रा को अनुमति नहीं है. जिन यात्रियों आरक्षण क्लियर हो रहा है उन्हें यात्रा का अवसर मिल पा रहा है. टिकट कैन्सिल होने पर वेटिंग वालों उनका पैसा वापस कर दिया जा रहा है. ऐसे में सामान्य गरीब यात्रियों जिनके लिए ट्रेनों के जनरल डिब्बे उपलब्ध होते थे वें अपने पैतृक ग्रामों तक जाने में पूरी तरह से असमर्थ है.

गरीब, मध्यमवर्ग पर आर्थिक संकट

सर्वाधिक रूप से ग्रामीण अंचलों में रहनेवाले यात्रियों को पैसेंजर ट्रेनें बंद होने से काफी असुविधा हो रही है. हजारों ग्रामीण, छोटे व्यापारियों, किसानों एवं मरीजों का जिन पैसेंजरों ट्रेनों से रिश्ता जुड़ा हुआ है वह पैसेंजर ट्रेनें अब तक शुरू नहीं हो पायी है. इसके चलते रेल यात्रियों को विशेषकर गरीब और मध्यम वर्ग को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 

पैसेंजर ट्रेनें है जीवनदायिनी

बल्लारशाह रेलवे स्टेशन से दक्षिण की ओर आवागमन करने के लिए भाग्यनगरी, रामगिरी पैसेंजर जबकि मुंबई के लिए वाया वर्धा होते हुए जानेवाली सेवाग्राम एक्सप्रेस तथा बल्लारशाह और चांदाफोर्ट से गोंदिया की ओर जानेवाली ट्रेनें सभी के लिए जीवनदायिनी है. इन ट्रेनों से ना केवल चंद्रपुर जिले बल्कि यवतमाल, गडचिरोली, वर्धा जिले की जनता बल्कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगड, तेलंगाना राज्य के यात्री आवागमन करते है. यह ट्रेनें पूरी तरह से बंद होने से गरीब और अत्यंत मध्यम वर्गीय परिवारों को ना केवल आर्थिक बल्कि मानसिक परेशानी उठानी पड़ रही है. सभी इस प्रतीक्षा में है कि कब पैसेंजर ट्रेनों का आवागमन शुरू होगा.