डायरेक्ट पैडिसिडर यंत्र से किचड पर धान की रोपाई

  • आधे एकड खेती में किया प्रयोग

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पोंभुर्णा. धान फसल पर खर्च कम करने तथा खेतमजदुरी कम करने के उद्देश से सींदेवाही कृषी संशोधन केंद्र अंतर्गत डायरेक्ट पैडीसीडर यंत्र की सहाय्यता से धान रोपाई करने का प्रसार प्रचार किया गया. तहसील कृषी अधिकारी कार्यालय ने संजीवनी कृषी सप्ताह कार्यक्रम से डायरेक्टर पैडीसीडर की जानकारी दी. यंत्र की उपयुक्तता जानने के पश्चात चेक हत्तीबोडी के किसान आनंदराव बावने ने स्वयं के आधे एकड खेती में यह प्रयोग शुरू किया. किसानों से डायरेक्ट पैडीसीडर यंत्र किराए से लाकर पेरीव धान की बुआई की है. इसके लिए तहसील कृषी अधीकारी कार्यालय व अन्न सुरक्षा दल प्रशिक्षकों ने सहयोग किया. 

डायरेक्ट पैडीसीडर का इस्तेमाल करते समय पौधा तयार करने की आवश्यकता नही है. चिखल के पश्चात सीधा अंकुरीत धान रोपाई कर सकते है. डायरेक्ट पैडीसीडर से मजुरों पर लगनेवाला खर्च कम होता है. रोपाई के लिए धान के तण तैयार करना, उसे खेतों में फैलाना, रोपाई करना आदि के लिए 6 हजार 300 खर्च होता था. इस यंत्रणा से इस खर्च की बचत होती है. 

हेक्टरी बीज के खर्च में बचत होती है. फसल रोपाई की गयी धान से अधिक डायरेक्ट पैडीसीडर से रोपाई की गयी फसल 7 से 10 दिन जल्द ही तैयार होती है. डायरेक्ट पॅडीसीडर वजन से हलका होने से इसे इस्तेमाल करने में आसानी होती है. यंत्र से एक दिन में एक हेक्टअर क्षेत्र पर रोपाई की जाती है. इससे किसानों की काफी बचत होती है. 

डायरेक्ट पैडीसीडर  यंत्र के सहायता से अधिक से अधिक किसानों ने रोपाई करने का आवाहन प्रभारी तहसील कृषी अधिकारी शहाजी शिंदे ने किया है. इस समय पंचायत समिति सभापती अलका आत्राम, मंडल कृषी अधिकारी प्रदीप बारामते, प्रशिक्षणार्थि गुणवंत मोरे, मुन्ना लोनारे, प्रशांत कावटकर, सुनील निमसरकार आदि उपस्थित थे.