Truck filled with fodder helped flood victims

भंडारा स्थित गोसीखुर्द बांध के सभी 33 दरवाजे खोलने से वैनगंगा नदी किनारे बसे गांवों में बाढ आ गई थी।

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  • ट्रंक काल द वाईल्ड लाईफ संस्था का उपक्रम

ब्रम्हपुरी. भंडारा स्थित गोसीखुर्द बांध के सभी 33 दरवाजे खोलने से वैनगंगा नदी किनारे बसे गांवों में बाढ आ गई थी। बाढ की वजह से मवेशियों के चारे की समस्या निर्माण हो गई है। चारा की गंभीर समस्या को देखते हुए मुक्के जानवरों के प्रति सहानुभूति रखने वाले ट्रंक काल द वाईल्ड लाईफ फाउंडेशन संस्था के आनंद शिंदे ने चारे से भरा ट्रक ब्रम्हपुरी भेजा। जिससे मवेशियों को चारा उपलब्ध हो सका है। 

ब्रम्हपुरी में आई बाढ ने सभी को ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया। कुछ नेता जनप्रतिनिधियों ने बाढ पीडितों को भारी आश्वासन दिये। किंतु बोल न सकतने वाले मवेशी अपनी व्यथा किसे सुनाते। किंतु इसकी जानकारी मिलने पर आंनद शिंदे ने चारा से भरा ट्रक ब्रम्हपुरी भेजा। एलीफंट व्हीसपरर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त आनंद शिंदे  ट्रंक काल द वाईल्ड लाईफ फाउंडेशन के कार्य करते है। संस्था की ओर से इसके पूर्व नैसर्गिक आपदा में अपनी यथाशक्ति मदद की है।

फिर चाहे 2018 को केरल की बाढ 2019 में कोल्हापुर, सोलापुर परिसर में आई बाढ में  संस्था ने मदद की है। गोसीखुर्द के पानी छोडने से वैनगंगा नदी में आई बाढ से सैकडों गांव के मवेशियों के सामने चारे की समस्या आ गई। यह ज्ञात होते ही संस्था ने ब्रम्हपुरी के तहसीलदार विजय पवार से संपर्क कर चारा भरा ट्रक पहुंचाया।