वेकोलि ने रोका किसानों का रास्ता, ओवर बर्डन बिछाने से खेत पहुंचना हुआ असंभव

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    चंद्रपुर. वेकोलि माजरी क्षेत्र के तहत आने वाली नागलोन ओपनकास्ट खदान से निकला ओवर बर्डन बिना अधिग्रहित की खेत जमीन पर बिछा दिए जाने से इस क्षेत्र के कई किसानों को ना ही अपने खेत तक पहुंचना असंभव हो रहा है और ना ही उन्हें खेती करना संभव हो पा रहा है.

    यह खेदजनक प्रकार वेकोलि माजरी क्षेत्र के प्रबंधन की लापरवाही के चलते हुआ है. वेकोलि की इस लापरवाही के खिलाफ नागलोन के भुक्तभोगी किसानों ने गुरुवार से वेकोलि माजरी क्षेत्र के कुचना स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के सामने श्रृंखला अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है.

    शिवसेना के कर्मचारी सेना सेल के जिलाध्यक्ष बंडू हजारे ने यहां एक पत्रपरिषद में उक्त जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि, वेकोलि के माजरी क्षेत्र ने अपनी भूमिगत तथा ओपनकास्ट खदानों के लिए 2015 को नागलोन गांव के आसपास की खेत जमीन अधिग्रहित की. इस अधिग्रहण प्रक्रिया में सर्वे नंबर 61 की 32 एकड़ की जमीन भी समाविष्ट थी किंतु वेकोलि प्रशासन ने इस सर्वे नंबर की महज 21 एकड़ जमीन ही अधिग्रहित की और बीच की 11 एकड़ जमीन वैसेही बिना अधिग्रहित किये छोड़ दी.

    चहुं ओर की जमीन अधिग्रहित किये जाने से अपनी भी जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया आज कल में होगी इस उम्मीद पर वहां के किसान थे. लेकिन उनकी उम्मीदों पर हाल ही में उस वक्त पानी फिर गया जब वेकोलि ने अपनी ओपनकास्ट खदान से निकल ओवर बर्डन बिना अधिग्रहित किये हुए जमीन पर बिछाना शुरू कर दिया.

    हजारे ने आगे बताया कि, चंद दिनों में ही अब वहां के बिना अधिग्रहित जमीनों पर ओवर बर्डन के बड़े बड़े टीले कायम हो चुके है. जिससे न तो संबंधित किसानों को उनके खेत तक पहुंचना असंभव हो रहा है और ना ही कुछ किसानों को बिछाए गए ओवर बर्डन के चलते अपनी जमीन कहीं दिखाई दे रही है.

    इस बात की शिकायत संबंधित किसानों की ओर से राजस्व अधिकारियों को की है, राजस्व विभाग के अधिकारियों ने वेकोलि अधिकारियों को इस संदर्भ में नोटिस भी जारी कर दिए है, बावजूद इसके वेकोलि प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए है और बिना अधिग्रहित जमीन पर ओवर बर्डन बिछाने का वेकोलि का कार्य निरंतर चल ही रहा है.

    इस संदर्भ में संबंधित किसानों ने वेकोलि माजरी क्षेत के महाप्रबंधक से संपर्क कर उनकी शेष बची जमीन भी अधिग्रहित करने की मांग की तो वेकोलि अधिकारियों ने उन्हें यह कहकर उल्टे पांव लौटा दिया कि, तुम्हारी यह जमीन राजस्व विभाग से प्राप्त जमीनों के दस्तावेजों में शामिल ही नहीं है, अतः इस जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया पूर्ण करना उनके लिए संभव नहीं है.

    किसानों ने यह भी बताया कि, वेकोलि ने न केवल उनके जमीन पर ओवर बर्डन के टीले खड़े किए, खेतों तक पहुंचने का रास्ता बंद किया बल्कि उस क्षेत्र से गुजरने वाले कोराडी नाले को भी मोड़ दिया है. वेकोलि की इस हरकत से उनका जीना मुश्किल हो गया है, अधिग्रहण नहीं होने से एक तो मुआवजा भी नहीं मिला, नोकरी भी प्राप्त नहीं हुई ऊपर से वे अब खेती भी नहीं कर पा रहे है. इस आर्थिक संकट के चलते वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी गुजारने के साथ साथ अपनी बेटियों तक का ब्याह करने में अक्षम है.

    पत्रपरिषद में नागलोन गांव के भुक्तभोगी किसान रूपम धोटे, कमलाकर ढवस, बालाजी ढवस, अमोल ढवस, नीता सोमलकर, राखी ठाकरे, शुभम डांगे आदि उपस्थित थे.