पुलिस विभाग की 5,200 सीटें विदर्भ से भरें, विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने की मांग

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    चंद्रपुर. 28 सितंबर 1953 को हुए नागपुर करार के अनुसार विदर्भ के बेरोजगारों को जनसंख्या के आधार पर 23 प्रश महाराष्ट्र राज्य के प्रशासन में नौकरी में लेने का अभिवचन दिया गया था. किंतु अब तक विदर्भ के युवाओं की शासकीय सेवा में 61 वर्ष में 2 लाख 47 हजार नौकरियों का अनुशेष शेष बचा हुआ है.

    इस अनुशेष को भरने एवं विदर्भ पर अन्याय दूर करने की दृष्टि से राज्य में होने वाली पहले चरण की पुलिस भर्ती में 5,200 जगहों में विदर्भ के युवाओं को लेने की मांग विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री एड. दिलीप वलसे पाटिल से की है.

    नागपुर करार का नहीं हुआ पालन

    विदर्भ राज्य आंदोलन समिति का कहना है कि सत्ता में आने के बाद किसी भी सरकार ने नागपुर करार का ईमानदारी से पालन नहीं किया. इसके वजह से विदर्भ में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ी है. कुछ क्षेत्र में युवा नक्सलवाद की ओर आकर्षित हुए हैं. विदर्भ के युवाओं को लोकतांत्रिक प्रवाह में लाने के लिए उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक है.

    विदर्भ के युवाओं पर समन्यायी तत्व पर न्याय नहीं मिलने से उन पर हुआ अन्याय दूर करने के दृष्टि से और उन्हें रोजगार दिलाने के दृष्टि से मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विदर्भ के नौकरी का अनुशेष दूर करने के उद्देश्य से पहले चरण की भर्ती में सभी सीटों पर विदर्भ के बेरोजगारों को लेने का निर्णय लें.

    यह मांग विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप, मुख्य निमंत्रक राम नेवले,, महिला आघाड़ी अध्यक्ष रंजना मामर्डे, युवा आघाड़ी अध्यक्ष मुकेश मासुरकर, तज्ञ सदस्य डा. श्रीनिवास खांदेवाले, पूर्व विधानसभा उपसभापति एड. मोरेश्वरराव टेमुर्डे, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक प्रबीरकुमार चक्रवर्ती, पूर्व विधायक सरोज काशीकर आदि ने की.