एक लाभार्थी को घरकुल दिलाने के एवज में उसने रिश्वत के रुप में बाघ का नाखून मांग लिया था।
- 2 दिन के एफसीआर पश्चात जमानत पर रिहा
चंद्रपुर. बाघ के नाखून जडित सोने का लाकेट पुत्र के लिए बवाने का प्रयास करने वाले ग्रामसेवक संजय कुंठावार को वनअधिकारियों ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उसे 2 दिनों के एफसीआर पश्चात जमानत पर रिहा कर दिया गया।
मूलत: मूल निवासी ग्रामसेवक संजय माधव कुंठावार वर्ष 2005 में नक्सल प्रभावित गडचिरोली जिले के भामरागढ तहसील के बिनामुंडा में कार्यरत था। एक लाभार्थी को घरकुल दिलाने के एवज में उसने रिश्वत के रुप में बाघ का नाखून मांग लिया था। 3 अगस्त को वह मूल डाक कार्यालय के पास सोनार क्रिष्णकांत कत्रोजवार के पास पुत्र के लिए बाघ के नाखून जडित सोने का लाकेट बनाने पहुंचा था। किंतु इसकी भनक वन्यजीव प्रेमी को लग गई।
उसकी सूचना के आधार पर वनपाल खनके और वनरक्षक मरस्कोल्हे ने संजय को सोनार के दूकान में धर दबोचा। उसे चिचपल्ली वनविभाग कार्यालय में लाया गया जहां उसने बाघ के नाखून की जानकारी दी। इस आधार पर मामले की जांच विभागीय वनअधिकारी अशोक सोनकुसरे के मार्गदर्शन में सहायक वनसंरक्षक एस।एल। लखमावार और वनपरिक्षेत्रअधिकारी वैभव राजुरकर कर रहे है।