जलसमस्या से त्रस्त महिलाओं ने ग्रामपंचायत पर निकला मोर्चा

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चंद्रपुर. गोंडपिपरी तहसील के धाबा गांव में आठ दिनों से बंद नलयोजना के माध्यम से पेयजलापूर्ति ठप पड़ी थी. आठ दिनों बाद नलों से छोड़ा गया पानी दूषित होने से लोगों को उसे कपड़े, बर्तन आदि धोने के काम में इस्तेमाल किया और कुओं का पानी पेयजल के लिए इस्तेमाल किया है. बारंबार नलयोजना से जलापूर्ति प्रभावित होने से त्रस्त महिलाओं ने आखिरकार ग्रामपंचायत कार्यालय में मोर्चा निकाला. इसके अलावा संविधान चौक परिसर में स्वतंत्र पानी की टंकी बनाकर देने की मांग की. इसके चलते धाबा में पानी की समस्या एक बार फिर निर्माण हो गई है.

धाबा जलापूर्ति योजना से धाबा गांव को जलापूर्ति की जाती है यह योजना ठेकेदार मार्फत चलायी जाती है. मात्र ठेकेदार की मनमानी के कारण महीने भर से अनेक दिनों से योजना बंद थी. इस बारे में ठेकेदार के संदर्भ में अनेक शिकायतें जलापूर्ति विभाग से की गई मात्र इन शिकायतों की ओर ध्यान नहीं दिया गया. इससे त्रस्त हो चुकी महिलाओं ने आखिरकार सीधे ग्रामपंचायत पर मोर्चा निकालकर निवेदन से अपनी व्यथा रखी. पानी नहीं मिल पाने के कारण संविधान चौक की महिलाओं को आधा किमी दूरी से पानी लाना पड़ता है. पिछले आठ दिनों से जलापूर्ति बंद थी. दो दिन पूर्व नलों से हरे रंग का दूषित पानी आ रहा है. इसके चलते पानी का कपड़े धोने के लिए नागरिक उपयोग करते है. पेयजलके लिए कुएं का पानी इस्तेमाल किया जा रहा है.

इस दौरान सोमवार को ग्रामपंचायत के समक्ष महिलाओं ने अपनी मांगें रखी. गांव की मुख्य पाईपलाईन को संविधान चौक में गए पाईप लाईन से जोडे, संविधान चौक में स्वतंत्र पानी की टंकी की जाए, इस टंकी में कुओं का पानी छोडे आदि मांगों इस समय निवेदन द्वारा रखी. इस समय कल्पना रायपुरे, मंदा भगत, तारा जुनघरे, जीजा फुलझेले, जीजा कुंदीकुरवार, कौशल्या जुनघरे, वंदना बावणे आदि सैकड़ो महिलाएं उपस्थित थी.