Locust Attack

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रायपुर. छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में बसे कोरिया जिले में टिड्डी दल ने वहां के वन क्षेत्र में प्रवेश किया है। जिले के अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए प्रयास तेज कर दिया है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से टिड्डों के दल ने कोरिया जिले के वन क्षेत्र में प्रवेश किया था। कृषि विभाग ने इससे बचाव के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करना प्रारंभ किया तब यह दल वापस लौट गया था। टिड्डी दल को भगाने के लिए अन्य प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक एमएस केरकेट्टा ने बताया कि रविवार को टिड्डों का एक छोटा दल मध्यप्रदेश के सीधी जिले की तरफ से कोरिया जिले के भरतपुर विकासखंड के अंतर्गत मानिकतरई और ज्वारिटोला गांव की ओर आया था।

उन्होंने बताया कि टिड्डी यह छोटा दल था और लगभग तीन सौ मीटर तक भीतर आया था। केरकेट्टा ने बताया कि चुंकि टिड्डी दल के संभावित खतरे को देखते हुए विभाग को पहले से ही सतर्क कर दिया गया था। इसलिए जैसे ही दल ने प्रवेश किया दमकल वाहनों की मदद से उनपर कीटनाशकों का छिड़काव शुरू कर दिया गया। इससे अधिकांश कीड़ों की मौत हो गई तथा कुछ वापस लौट गए। उन्होंने बताया कि वन क्षेत्र होने के कारण यहां फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और न ही क्षेत्र में वृक्षों को भी नुकसान हुआ है। अधिकारी ने बताया कि राज्य के प्रत्येक जिले में टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए कृषि, बागवानी, वन तथा राजस्व विभाग का संयुक्त दल बनाया गया है। दल राज्य के महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा में लगातार निगरानी कर रहा है।

केरकेट्टा ने बताया कि राज्य में पिछले 58 वर्षों में पहली बार है कि राज्य के सरगुजा क्षेत्र में टिड्डी दल ने प्रवेश किया है। अधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र ने पिछले सप्ताह राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों और किसानों को इन टिड्डियों के प्रति सचेत रहने तथा उचित कदम उठाने के लिए कहा था। उन्होंने बताया कि किसानों को अपनी फसलों और पेड़ों की रक्षा करने की सलाह दी गई है तथा सभी सीमावर्ती जिलों में कीटनाशक के छिड़काव के लिए स्प्रेयर की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही ग्रामीणों को थालियों, टिन के बक्से और ध्वनि पैदा करने वाले यंत्रों से इन टिड्डियों को भगाने के लिए शोर मचाने की सलाह दी गई है।(एजेंसी)