छत्तीसगढ़. बीजापुर में शनिवार को माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में COBRA कमांडो यूनिट के एक सिख जवान ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे लोग उन्हें असली किंग कह रहे हैं। जवान का नाम बलराज सिंह है। उन्होंने अपने एक साथी को बचाने के लिए अपनी पगड़ी खोलकर उसके जख्मों पर बांध दिया था। हालांकि बाद में उन्हें भी गोलियां लगी और वे घायल हो गए।
बलराज सिंह (Balraj Singh) के इस जज़्बे के लिए राज्य पुलिस के विशेष महानिदेशक आरके विज (RK Vij) ने अस्पताल पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने बलराज को नई पगड़ी सौंपी। आरके विज ने ट्वीट कर कैप्शन में लिखा, उनके लिए ये सम्मान की बात है कि वो कमांडो बलराज को पगड़ी देकर सम्मानित कर रहे हैं।
I felt honoured to present this turban to Cobra commando Balraj Singh who untied his own to save his fellow soldier’s life. He was so delighted to receive this and immediately asked his attender to take a snap. A few happy moments in tough times. https://t.co/eGITsn2tUp
— RK Vij (@ipsvijrk) April 6, 2021
दर्द में भी मुस्कुरा रहे थे बलराज
रिपोर्ट के अनुसार, बलराज सिंह आरके विज से नई पग पाकर दर्द में भी मुस्कुरा रहे थे। सोशल मीडिया पर उनकी ये तस्वीर काफी वायरल हो रही है। अटेंडर से कहकर उन्होंने इन पल को कैमरे में कैद कर लिया। विज पहले भी घायल जवानों से मुलाकात कर चुके हैं।
ऐसे बचाई साथी की जान
बता दें कि, बलराज सिंह को हमले में पेट के पास गोली लगी थी। फिलहाल दोनों जवानों का इलाज रायपुर के अस्पताल में हो रहा है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के काफिले में जो फर्स्ट-एड करने वाला शख्स था वह स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों को प्राथमिक उपचार मुहैया करा रहा था और ऐसे में उन्होंने साथी जवान के पैर से खून निकलने से रोकने के लिए अपनी पगड़ी उतारकर उसे सहकर्मी के पैर पर बांधने का फैसला किया।
जानकारी के लिए बता दें कि 3 अप्रैल को दोपहर में हुई ये मुठभेड़ करीब 4 घंटे तक चली थी। बड़ी तादाद में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को तीन तरफ से घेर लिया था। इसमें 22 जवान शहीद हुए हैं। जबकि माओवादियों ने सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास का अपहरण कर लिया है, जो अब तक उनकी गिरफ्त में है।
लोग रीट्वीट कर बलराज सिंह के कारनामे की जमकर टफ़्फ़ कर रहे हैं। लोगों ने कहा कि वो असली सरदार हैं, इसे कहते है सिंह इज किंग। साथी की जान बचाने से बड़ा कोई धर्म नहीं है।