There will be only final year and final semester examinations in Chhattisgarh

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रायपुर. छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालयों की अब केवल अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं ही आयोजित की जाएंगी। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए मार्च 2020 से जारी लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा सत्र 2019-20 की विश्वविद्यालयी परीक्षाओं के अंतर्गत अब सिर्फ अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी जबकि अन्य सभी कक्षाओं की वार्षिक या सेमेस्टर परीक्षा नहीं ली जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिन प्रश्न-पत्रों की परीक्षाएं 14 मार्च तक आयोजित हो चुकी हैं, उनका मूल्यांकन किया जाना है तथा बचे हुए प्रश्न-पत्रों के प्राप्तांक की गणना पिछले वर्ष के प्राप्तांक/आंतरिक मूल्यांकन/असाइनमेंट कार्य के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालयों को यह छूट दी गई है कि वे तीनों विकल्पों में से किसी एक या एक से अधिक विकल्पों का चयन कर सकते हैं।

इस पद्धति के आधार पर जारी अंकसूची के स्थान पर यदि कोई विद्यार्थी श्रेणी सुधार करना चाहे तब आगामी वर्ष या सेमेस्टर में विशेष परीक्षा के आयोजन की व्यवस्था विश्वविद्यालय द्वारा की जाएगी। यह व्यवस्था केवल शिक्षा सत्र 2019-20 के लिए मान्य है। अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार वार्षिक परीक्षा पद्धति के अंतर्गत अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर तथा सभी कक्षाओं के स्वाध्यायी विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का आयोजन लॉकडाउन समाप्त होने के बाद तथा सभी विश्वविद्यालयों द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जारी नियमों का पालन करते हुए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय सेमेस्टर पद्धति के अंतर्गत अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा के आयोजन से पहले सभी महाविद्यालयों से पाठ्यक्रम पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद ही परीक्षा की तिथियां घोषित करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने आगामी शिक्षा सत्र को पूर्व विद्यार्थियों के लिए एक अगस्त 2020 से तथा नए विद्यार्थियों के लिए एक सितम्बर 2020 से प्रारंभ करने के संबंध में प्राप्त सुझाव को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों को अंकसूची जारी करने तथा अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं के आयोजन की तिथि के निर्धारण में इसका ध्यान रखने का निर्देश दिया है।