नयी दिल्ली. भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) (BPCL) में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए खनन से लेकर तेल क्षेत्र में कार्यरत वेदांता समूह (Vedanta Group), निजी क्षेत्र (Private Sector) की इक्विटी कंपनियों… अपोलो ग्लोबल (Apollo Global) और आई स्कावयर्ड कैपिटल (Eye Squared Capital) की इकाई थिंक गैस ने शुरुआती बोलियां सौंपीं हैं।
सूत्रों ने बताया कि एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की मंगलवार को बैठक होगी जिसमें इन शुरुआती बोलियों का मूल्यांकन किया जाएगा। पिछले सप्ताह एक अंतर-मंत्रालयी बैठक हुई थी जिसमें बीपीसीएल के मूल्यांकन की प्रक्रिया और आरक्षित मूल्य पर विचार-विमर्श किया गया।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उच्चस्तरीय समिति मंगलवार की बैठक में इस सौदे की सलाहकार डेलॉयट की रिपोर्ट पर गौर करेगी। इस रिपोर्ट में पिछले महीने मिली तीनों बोलियां की जांच-परख की गई।
बीपीसीएल के मूल मंत्रालय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस से प्राप्त प्रतिक्रिया तथा अब तक की प्रक्रिया पर अपने विचार देने को कहा गया है। बीएसई में सूचीबद्ध वेदांता लि. तथा उसकी लंदन की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज द्वारा गठित विशेष इकाई (एसपीवी) ने 16 नवंबर को बोली की समयसीमा समाप्त होने से पहले रुचि पत्र (ईओआई) जमा कराया है।
आई स्कावयर्ड कैपिटल निजी इक्विटी कंपनी है, जो वैश्विक बुनियादी ढांचा निवेश पर केंद्रित है। वहीं अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट एक वैश्विक वैकल्पिक निवेश प्रबंधक कंपनी है। सरकार देश की ईंधन क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा कंपनी बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है।
सरकार का 2020-21 में विनिवेश से रिकॉर्ड 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। पिछले साल नवंबर में बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दी गई थी। उस समय से कंपनी का शेयर मूल्य करीब 20 प्रतिशत गिर चुका है। बीएसई में सोमवार को बीपीसीएल का शेयर 405.75 रुप़ये पर बंद हुआ।
इस लिहाज से कंपनी में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य 46,600 करोड़ रुपये बैठता है। इसके अलावा अधिग्रहण करने वाली कंपनी को 26 प्रतिशत सार्वजनिक हिस्सेदारी की खरीद के लिए खुली पेशकश भी लानी होगी। इसकी लागत करीब 22,800 करोड़ रुपये बैठेगी। (एजेंसी)