Ratan Tata and Cyrus Mistry

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नयी दिल्ली. टाटा समूह ने बृहस्पतिवार को कहा कि अब तक उसे शापूरजी पालोनजी समूह की ओर से अलग होने का औपचारिक तौर पर कोई आग्रह या प्रस्ताव नहीं मिला है। उच्चतम न्यायालय के शापूरजी पालोनजी समूह पर टाटा संस के शेयर रहन रखने से रोक लगाने के बाद समूह ने 22 सितंबर को बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि अब टाटा समूह से अलग होने का समय आ गया है। उल्लेखनीय है कि टाटा समूह में शापूरजी पालोनजी समूह सबसे बड़ा एकल अल्पांश हिस्सेदार है।

टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस में शापूरजी पालोनजी समूह की 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है। टाटा संस ने एक बयान में कहा, ” शापूरजी पालोनजी समूह के इस वक्तव्य ने मीडिया में काफी अटकलों को जन्म दिया। इस मामले में हमें समूह की ओर से अब तक कोई आधिकारिक वक्तव्य प्राप्त नहीं हुआ है।”

कंपनी ने कहा कि मामला अभी उच्चतम न्यायालय के विचाराधीन है। इसलिए वह न्यायालय की गतिविधियां दोबारा शुरू होने का इंतजार करेगी। यह 28 अक्टूबर के लिए निर्धारित है। टाटा संस ने शापूरजी पालोनजी समूह द्वारा उसके शेयर गिरवी रखने पर आपत्ति जतायी थी। समूह यह शेयर कोष जुटाने के लिए गिरवी रखना चाहता था।