Dr Amol Kolhe

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नागपुर. देशभर में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप है। इस महामारी से देश भर में काफी जनहानि हो रही हैं। इसे रोकने के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही हैं। देश में लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू है। वहीं कोरोना संकट के कारण देश में हालात काफी बिघड रहे है। ऐसे में कोरोना के साथ साथ नई चुनौतियां भी खड़ी हो रही हैं।

लॉकडाउन के दौरान नवभारत ने अपने पाठकों के लिए कोरोना से पैदा हुई हर चुनौतियों से अवगत कराने का प्रयास किया है। इस बार भी ऐसी ही एक महान हस्ती आपके साथ जुड़ेगी। आगामी 28 मई को लोकसभा सांसद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता, अभिनेता डॉ. अमोल कोल्हे नवभारत eचर्चा में उपस्थित रहेंगे। तो आइए जानते विस्तृत से डॉ अमोल कोल्हे के बारें में…

डॉ. अमोल कोल्हे का जन्म 18 सितंबर 1980 को पुणे के नारायणगांव में हुआ। उन्होंने 9 वीं से 12 वीं कक्षा तक पुणे के आप्टे स्कूल में पढ़ाई की। हाई स्कूल के बाद, उन्होंने किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल और सेठ गोर्धनदास सुंदरदास मेडिकल कॉलेज, मुंबई से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। 

डॉ. कोल्हे छत्रपति शिवजी महाराज को अपना आदर्श मानते हैं। स्वराज्य के दूसरे अभिषिक्त छत्रपति संभाजी महाराज का इतिहास आम आदमी तक पहुंचाने के लिए डॉ. कोल्हे ने अपना घर बेच दिया और ‘स्वराज्य रक्षक संभाजी’ टीवी सीरियल बनाई। इस सीरियल में खुद अमोल कोल्हे ने छत्रपति संभाजी महाराज की प्रमुख भमिका निभाई थी। जिसके बाद डॉ. कोल्हे को 2008 में आयी ‘राजा शिव छत्रपति’ टीवी सीरियल से काफी प्रसिद्धि मिली। 

डॉ. कोल्हे ने कई नाटकों में भी काम किया हैं। इसके अलावा डॉ. कोल्हे ने ‘अरे आवाज कुणाचा (2014), आघात (2010), ऑन ड्यूटी 24 तास (2010), मराठी टायगर्स   (2016), मुलगा (2009), रंगकर्मी (2013), राजमाता जिजाऊ (2011), राम माधव (2014), साहेब (2012) जैसी फिल्मों में काम किया हैं। 

डॉ. अमोल कोल्हे साल 2019 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। इसी वर्ष लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें शिरूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया। जिसके बाद उन्होंने शिवसेना के उम्मीदवार शिवाजीराव आढलराव पाटिल को भारी बहुमत से हरा दिया और लोकसभा में अपनी सीट पक्की की। इससे पहले 2014 के आम चुनाव में कोल्हे शिवसेना के स्टार प्रचारक थे।