महाराष्ट्र के दो बार सीएम रहे अशोक चव्हाण, ऐसा रहा राजनीतिक सफर. ….

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अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र की राजनीति विरासत में मिली हैं। राजनीतिक वंश से ताल्लुक होने के कारण महाराष्ट्र की राजनीति से उनका गहरा नाता हैं। अशोक चव्हाण के पिता शंकर राव चव्हाण ने दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद और कांग्रेस सरकार में कई बार मंत्री पद संभाला। महाराष्ट्र के राजनीति  इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि पिता-पुत्र दोनों ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला हो।

 कम समय के लिए दो बार रहे सीएम

अशोक चव्हाण 1987 में पहली बार संसद पहुंचे, वे दो बार लोकसभा सांसद, दो बार मुख्यमंत्री और तीन बार विधायक रह चुके हैं। अशोक चव्हाण 8 दिसंबर 2008 से 9 नवंबर 2010 तक मुख्यमंत्री रहे। परंतु आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में नाम आने के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले वह महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख के सरकार में उद्योग, खनन और अन्य पद संभाल चुके हैं।

मोदी लहर के बावजूद जीता लोकसभा चुनाव

नांदेड़ की सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। साल 2014 में देश में मोदी लहार और भ्रष्टाचार के आरोपों  के बावजूद अशोक चव्हाण ने भाजपा को मात देकर भारी मतों से चुनाव जीता, परंतु लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी लहर होने के चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

महासचिव के रूप में शुरू किया करियर

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में अशोक चव्हाण ने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। साल 1987 में वो नांदेड़ लोकसभा सीट से पहली बार सांसद का चुनाव जीते। साल 1992 में वो विधान परिषद के सदस्य बने। साल 1995 से 1999 तक वो महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव रहे। महाराष्ट्र में साल 2003 में विलासराव देशमुख सरकार के मंत्री बने।

विलासराव देशमुख की जगह बने सीएम

उस वक्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद अशोक चव्हाण मुख्यमंत्री बने। साल 2009 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने के बाद चव्हाण को फिर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उस वक्त केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के नेता सुशील कुमार शिंदे भी सीएम पद की दौड़ में मौजूद थे। बावजूद इसके चव्हाण कांग्रेस की पहली पसंद बने। उस समय सहयोगी पार्टी एनसीपी लगातार गैर-मराठा नेतृत्व का दबाव बढ़ा रहा था।

आदर्श हाउसिंग घोटाले में गंवाई कुर्सी

आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में नाम आने के बाद उनके पास इस्तीफे के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। इस तरह उनके हाथों में सत्ता ज्यादा दिन ठहर नहीं सकी। चव्हाण का राजनैतिक सफर का वनवास शुरू हो चूका था और उनकी जगह पृथ्वीराज चव्हाण को महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री बनाया गया।

साइंस में ग्रेजुएट हैं अशोक चव्हाण

अशोक चव्हाण साइंस में ग्रेजुएट हैं साथ ही उन्होंने एमबीए भी किया हैं। कांग्रेस ने उन्हें साल 2015 में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रबंधन की भी जिम्मेदारी सौंपी थी। अशोक चव्हाण महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं।