DHONI
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने अपनी बेहतरीन कप्तानी और खेल से करोड़ो लोगों का दिल जीत लिया है।

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मुंबई. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने अपनी बेहतरीन कप्तानी और खेल से करोड़ो लोगों का दिल जीत लिया है। हाल ही में धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। लेकिन, आज का दिन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ है। दरअसल, आज ही के दिन महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने पहली बार कप्तानी की कमान संभाली थी।

महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की कप्तानी ने भारत को न सिर्फ टी-20 वर्ल्ड कप दिलाया बल्कि भारत को वनडे में वर्ल्ड कप का विजेता भी बनाया। इतना ही नहीं, धोनी (Mahendra Singh Dhoni) चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के अलावा टीम इंडिया को टेस्ट में नबंर वन भी बना चुके हैं। 

हाल ही में धोनी (Mahendra Singh Dhoni)ने अपना एक अहम राज खोला है, कि आखिर उन्हें साल 2007 में कैसे कप्तान के रूप में चुना गया था। धोनी (Dhoni) ने ‘द प्रिंट’ नाम के वेब पोर्टल को दिए गए इंटरव्यू में  बताया कि जिस समय कप्तान को लेकर बैठक चल रही थी उस समय मैं वहां मौजूद नहीं था। मुझे मेरी क़ाबिलियत और मेरे खेल को देखकर कप्तान बनाया गया था।

उन्होंने आगे बताया कि अपने खेल को पढ़ना एक महत्वपूर्ण बात है। उस वक्त मैं सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक था। जब भी सीनियर खिलाड़ियों द्वारा मेरा दृष्टिकोण जानने की कोशिश की जाती थी तो, मैं बड़ी सरलता से अपनी बातें उनके सामने रखता था। उन्होंने आगे बताया कि उस समय की टीम सदस्यों के साथ मेरा व्यवहार सभी खिलाड़ियों के प्रति बेहद अच्छा रहा, शायद इन्हीं वजहों से मुझे टी 20 का कप्तान बनाया गया। 

धोनी (Dhoni) ने कुल 199 वनडे मैचों में कप्तानी की, जिसमें टीम इंडिया ने 110 मैच जीते। धोनी (Dhoni) की कप्तानी में घरेलू वनडे मैचों में कुल 73 में से 43 मैचों जीत हासिल की। वनडे में बैटिंग स्ट्राइक रेट व औसत की बात की जाए तो एबी डिविलियर्स के बाद धोनी (Dhoni) दुनिया के दूसरे सफलतम कप्तान हैं। 199 मैचों की कप्तानी करते हुए धोनी (Dhoni) ने कुल 6633 रन, जबकि डिविलियर्स ने 87 मैचों की कप्तानी में 4217 रन बनाए।

महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की कप्तानी में भारतीय टीम ने आज से ठीक 13 साल पहले इंटरनेशनल मुकाबला खेला था।इस मैच के एक दिन पहले धोनी ने कप्तानी की कमान संभाली थी। इस मैच में टॉस के बाद बारिश शुरू हो गई। जिसके कारण यह मैच रद्द करना पड़ा था। इसके बाद भारतीय टीम ने धोनी की कप्तानी में  14 सितंबर 2007 को दूसरा इंटरनेशनल मैच खेला था। यह टी20 वर्ल्ड कप मैच था,जिसमें भारतीय टीमका मुकाबला पाकिस्तान के साथ था। 

यह मैच साउथ अफ्रीका के डरबन में खेला था। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओर में 9 विकेट गवाकर 141 रन बनाए थे, जिसमें रोबिन उथप्पा ने 50 और धोनी ने 33 रन की पारी खेली थी। इसके बाद बल्लेबाजी करने पाकिस्तान टीम उतरी। पाकिस्तान की शुरुआत थोड़ी ख़राब हुई थी। हालांकि, मिस्बाह उल हक ने मैच को आखिरी ओवर तक पहुंचा दिया था। लेकिन, यह मैच टाई हो गया। 

उस दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी का नियम सुपर ओवर का नहीं था, बल्कि बॉल आउट का था। यह हर किसी के लिए नया अनुभव था। क्योंकि इससे पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में कोई बॉल आउट नहीं हुआ था। बॉल आउट में दोनों टीमों के 5-5 गेंदबाज़ों को एक-एक बॉल फेंकनी थी और जो टीम ज्यादा बार विकेट को हिट करती तो वह विनर बन जाती थी। इसी बॉल आउट में धोनी ने अपनी कप्तानी का गुण दिखाकर कर सबको हैरान कर दिया। 

धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने बॉल आउट की पहली बॉल वीरेंद्र सहवाग को थमाई और खुद विकेट के ठीक पीछे जाकर बैठ गए। सहवाग ने बॉल से स्टंप्स को हिट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से यासिर अराफात विकेट को हिट करने पहुंचे,लेकिन, वह बॉल को स्टंप्स से हिट नहीं कर पाए। इसके बाद धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने दूसरी बॉल हरभजन सिंह को दी। भज्जी गेंदबाज़ी करने पहुंचे तो धोनी फिर से विकेट के ठीक पहले थे और भज्जी ने भी स्टंप्स को हिट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान टीम के उमर गुल क्रीज पर आए। उन्होंने दूसरी बॉल फेंकी लेकिन, वह स्टंप्स को हिट नहीं कर पाए। 

धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने तीसरी बॉल रोबिन उथप्पा को थमाई।रोबिन उथप्पा ने भी अपनी बेहतरीन गेंदबाज़ी दिखाते हुए स्टंप्स को हिट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से ऑलराउंडर शाहिद अफ़रीदी आए। लेकिन, वह भी  बॉल से स्टंप्स को हिट नहीं कर पाए।इसी के साथ भारत ने बॉल आउट को 3-0 से जीतकर पाकिस्तान को हराया था।