ajinkya-bhaiya-requested-me-if-i-might-bowl-with-damage-i-needed-to-say-sure-navdeep-saini

सैनी ने कहा ,‘‘ अजिंक्य भैया ने पूछने पूछा कि क्या मैं चोट के बावजूद गेंदबाजी कर सकता हूं , मुझे तो हां कहना ही था ।''

Loading

नयी दिल्ली. ग्रोइन की चोट के कारण नवदीप सैनी (Navdeep Saini) ब्रिसबेन टेस्ट (Brisben Test) में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन इतने बड़े मौके पर फिर खेलने का मौका नहीं मिल पाने के डर से उन्होंने कप्तान के पूछने पर चोट के बावजूद पांच ओवर डाले । बरसों इंतजार के बाद आस्ट्रेलिया (Australia) में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 28 वर्ष के सैनी ने कहा ,‘‘ अजिंक्य भैया ने पूछने पूछा कि क्या मैं चोट के बावजूद गेंदबाजी कर सकता हूं , मुझे तो हां कहना ही था ।”

ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने जब गाबा में विजयी रन बनाये तो दूसरे छोर पर सैनी थे। सिडनी में अपने पहले टेस्ट में चार विकेट लेने के बाद सैनी को गाबा पर आस्ट्रेलिया की पहली पारी में चोट लगी और वह 7 . 5 ओवर ही डाल सके। भारतीय टीम इससे पहले ही खिलाड़ियों की फिटनेस समस्या से परेशान थी।

सैनी(Navdeep Saini)  ने कहा ,‘‘ मैं ठीक था लेकिन अचानक चोट लग गई। मैने सोचा कि इतने अहम मैच में चोट क्यों लगी जब मुझे इतने साल बाद खेलने का मौका मिला था ।” उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बस यही चाहता था कि चोट के बावजूद खेल सकूं। इस तरह का मौका शायद दोबारा कभी ना मिले ।कप्तान ने पूछा कि क्या मैं खेल सकूंगा । मुझे दर्द था लेकिन मैने कहा कि मैं जो कर सकूंगा, करूंगा।”

सैनी ने कहा ,‘‘ अब मैं ठीक हो रहा हूं और जल्दी ही फिट हो जाऊंगा।” अब तक दस टी20 और सात वनडे खेल चुके सैनी इंग्लैंड के खिलाफ पांच फरवरी से शुरू हो रही टेस्ट श्रृंखला के पहले दो मैचों के लिये भारतीय टीम में नहीं हैं। अपने चार टेस्ट विकेटों में से सबसे कीमती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘सभी विकेट खास हैं लेकिन पहला विकेट कभी नहीं भूल सकते। जब तक वह नहीं मिल जाता, आप पहले विकेट के बारे में ही सोचते रहते हैं।”

आस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट खेलने को यादगार अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ आस्ट्रेलियाई पिचों पर मिलने वाले उछाल से रोमांचित होना स्वाभाविक है। ऐसे में शॉर्ट गेंद डालने का लालच आता है लेकिन टेस्ट क्रिकेट सिर्फ इतना ही नहीं है।इसमें संयम रखकर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है।”

उन्होंने कहा ,‘‘ आस्ट्रेलिया में अच्छे प्रदर्शन के लिये मानसिक रूप से दृढ होना जरूरी है।वे अंत तक हार नहीं मानते। भारतीय टीम प्रबंधन काफी सहयोगी था जिसमें कप्तान और रोहित भैया शामिल थे।उन्होंने कहा कि वैसे ही गेंदबाजी करूं, जैसी रणजी ट्रॉफी में करता हूं।”

मोहम्मद सिराज से तालमेल के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ वह मेरे सबसे घनिष्ठ दोस्तों में से है। हमने भारत ए के लिये काफी क्रिकेट साथ खेला है ।हम गेंदबाजी के बारे में काफी बात करते हैं। वह पहले मैच में मेरी काफी मदद कर रहा था। उसने अपने पिता के निधन के बाद रूककर दिखाया कि वह कितना मजबूत है। उसकी उपलब्धि टीम के लिये काफी अहम है।” (एजेंसी)