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इस बात का खुलासा क्रिकेट वेस्टइंडीज के अध्यक्ष रिकी स्केरिट (Ricky Skerritt) ने किया।

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    मुंबई. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। कोरोना के कारण कई देशों को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ा। ऐसे में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (West Indies Cricket Board) को भी अपने खिलाड़ियों की सैलरी देने के लिए उधार लेना पड़ा। इस बात का खुलासा क्रिकेट वेस्टइंडीज के अध्यक्ष रिकी स्केरिट (Ricky Skerritt) ने किया। इस दौरान उन्होंने उस बात का भी दावा किया कि, उनके कार्यकाल के दौरान बोर्ड का कर्जा घटकर एक तिहाई हो गया। 

    रिकी स्केरिट (Ricky Skerritt) ने साल 2019 में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की कमान संभाली थी। उनका 2 साल का कार्यकाल पूरा हो चूका है। अब वह फिर से एक बार चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर सकते हैं। इसी दौरान उन्होंने वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की आर्थिक स्थिति के बारे में खुलकर बातें की। रिकी स्केरिट ने  बताया कि, ‘जब से उन्होंने बोर्ड की कमान संभाली, तब से स्थिति काफी ठीक हुई है।’

    स्केरिट (Ricky Skerritt) ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से बातचीत के दौरान कहा कि, ‘हमारी सबसे बड़ी समस्या थी कि हमने पैसे मिलने से पहले ही भविष्य से जुड़े खर्चों के बारे में बात कर ली थी। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड पर करीब 2 करोड़ डॉलर का कर्जा था। वहीं, इस बड़ी रकम को चुकाने के लिए हमे बार बार उधार लेना पड़ा रहा था। हमारे पास फंड के नाम पर कुछ भी नहीं था। कुछ समय के लिए इस तरह काम किया जा सकता है। क्योंकि तब महामारी की वजह से पैसे का इंतजाम करना मुश्किल था।’ 

    स्केरिट (Ricky Skerritt) ने आगे कहा कि ‘वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के पास स्टाफ की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं थे। कोरोना महामारी के दौरान सभी कर्मचारी आधी सैलरी में काम कर रहे थे।उन्होंने आगे कहा कि, हमने अपने काफी खर्च काम किये। फायदे-नुकसान के बारे में ज्यादा सोचने के बजाए हमने नकदी पर ध्यान दिया। सभी गैर जरूरी काम बंद कर दिए। जिसके वजह से 2 साल के अंदर ही हमारा कर्ज एक तिहाई रह गया। हमने आपदा में ही अवसर देखने की कोशिश की और समस्याओं के साथ अपनी जिम्मेदारी पूरी की। हमें पहले सैलरी देने के लिए उधार लेना पड़ा था। मेरे कार्यकाल के पहले साल हमने ऐसा किया, जो पिछले साल गर्मियों तक जारी रहा।’