नहीं लगता कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेलने से न्यूजीलैंड को बहुत फायदा होगा: स्टीड

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    साउथम्पटन: इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट की श्रृंखला खेलना का निश्चित तौर पर फायदे की स्थिति थी लेकिन न्यूजीलैंड के कोच गैरी स्टीड को नहीं लगता कि यह उतनी बड़ी बात है जितना विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में उनके प्रतिद्वंद्वी भारत को मैच खेलने का मौका नहीं मिलने के कारण इसे बना दिया गया है।

    न्यूजीलैंड ने डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले इंग्लैंड को दो टेस्ट की श्रृंखला में हराया। फाइनल 18 जून से यहां खेला जाना है। आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में न्यूजीलैंड के लिए फायदे की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर स्टीड ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह फायदे की स्थिति है या नुकसान की, यह अच्छा है कि हम यहां आकर कुछ क्रिकेट खेलने में सफल रहे।”

    स्टीड ने साथ ही कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग के बीच में ही स्थगित होने के कारण भारत के शीर्ष स्टार खिलाड़ियों को तरोताजा होने का मौका मिला और अगर यह टी20 लीग मई के अंत तक चलती तो ऐसा नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह भारत के लिए फायदे की स्थिति है कि आईपीएल का पूरा टूर्नामेंट नहीं हुआ इसमें कोई संदेह नहीं कि एक कोच के रूप में मुझे खुशी है कि हमें यहां समय बिताने और कुछ टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिला। मुझे लगता है कि यह हमारी टेस्ट मैच की तैयारी के लिए अच्छा है।”

    स्टीड ने कहा, ‘‘डब्ल्यूटीसी फाइनल का हिस्सा होना विशेष है और खुशी की बात है।” न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजी विकल्पों के बारे में स्टीड ने कहा, ‘‘ऐसी समस्या होना अच्छा है। मैट हेनरी ने पिछले टेस्ट में शानदार गेंदबाजी की। पिछले कुछ समय तक वह टीम में बैकअप विकल्प के तौर पर शामिल था।” 

    उन्होंने कहा, ‘‘हमें मैट की क्षमता के बारे में पता है, विशेषकर इंग्लैंड के हालात है। मुझे लगता है कि गेंद को स्विंग कराने की क्षमता के कारण वह थोड़ा अलग तरह का विकल्प देता है। कोलिन डिग्रैंडहोम की 15 सदस्यीय टीम में वापसी हुई है इसलिए हमारे पास छह अच्छे तेज गेंदबाज हैं जिसमें से हम फाइनल के लिए चुन सकते हैं।”

    भारतीय कोच रवि शास्त्री के डब्ल्यूटीसी फाइनल के तीन मैचों की श्रृंखला होने के सुझाव पर स्टीड ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि रवि शास्त्री ने तीन टेस्ट की श्रृंखला की संभावना के बारे में बात की है, मैं निश्चित तौर पर इसके खिलाफ नहीं हूं लेकिन सबसे मुश्किल चीज आईसीसी के कैलेंडर में इसके लिए जगह ढूंढना है।”(एजेंसी)