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भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) उनके खिलाफ आस्ट्रेलियाई टीम के शॉर्ट गेंदबाजी करने की रणनीति बनाने से अभिभूत हैं।

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कैनबरा. भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) उनके खिलाफ आस्ट्रेलियाई टीम के शॉर्ट गेंदबाजी करने की रणनीति बनाने से अभिभूत हैं और उन्होंने कहा कि आक्रामक रवैया अपनाकर पलटवार करके और क्षेत्ररक्षण का फायदा उठाकर वह इससे निपट सकते हैं। जोश हेजलवुड ने पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में अय्यर को बाउंसर पर पवेलियन भेजा जबकि दूसरे मैच में उन्होंने बेहतर बल्लेबाजी करते हुए 36 गेंद में 38 रन की पारी खेली।

घरेलू टीम के अय्यर को शॉर्ट गेंदबाजी से निशाना बनाने की रणनीति के बारे में पूछने पर इस बल्लेबाज ने तीसरे और अंतिम वनडे की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘मुझे बेहद खुशी है कि उन्होंने मेरे खिलाफ रणनीति बनाई है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभिभूत महसूस कर रहा हूं और इसे चुनौती की तरह ले रहा हूं। लेकिन मैं दबाव में अच्छा प्रदर्शन करता हूं और यह मुझे उनके खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा। मुझे लगता है कि इसका (शॉर्ट लेग और लेग गली) फायदा उठाया जा सकता है और अधिक रन बनाए जा सकते हैं।”

भारत के चौथे नंबर के बल्लेबाज अय्यर (Shreyas Iyer) ने कहा कि शॉर्ट गेंदबाजी का सामना करना मानसिकता और नेट पर बल्लेबाजी करते हुए थोड़े बदलाव से जुड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह आपकी मानसिकता से जुड़ा है जिसमें थोड़ा बदलाव करने की जरूरत है। विकेट पर आप कैसे खड़े होते हो। (स्टांस के दौरान) काफी अधिक झुकने की जगह आपको सीधा खड़ा होना होता है। ऐसे में शॉर्ट गेंद को खेलना आसान हो जाता है।”

अय्यर (Shreyas Iyer) ने कहा, ‘‘मैंने अपने लिए यह पैटर्न तय किया है। मैं जब भी खेलता हूं तो खुद को थोड़ा समय देता हूं और क्रीज पर पैर जमाता हूं। अगर वे उस क्षेत्ररक्षण (शॉर्ट गेंद के लिए) के साथ गेंदबाजी करते हैं तो मैं आक्रामक रवैया भी अपनाता हूं।” अय्यर इस बात से सहमत हैं कि पहले मैच में जोश हेजलवुड के खिलाफ शॉट खेलने में भ्रम के कारण वह आउट हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता था कि वह शॉर्ट गेंद फेंकने वाला है। मेरे दिमाग में दो बातें चल रही थी, मैं पुल करने और साथ ही अपर कट खेलने के बारे में सोच रहा था। मैं दो विचारों के बीच में फंस गया और शॉट नहीं खेल पाया।” अय्यर ने अलग तरह की पिचों से सामंजस्य बैठाने की चुनौती पर भी बात की जैसे यूएई में इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान पिच पर कम उछाल था जबकि आस्ट्रेलिया में अधिक उछाल है। इस बल्लेबाज ने कहा कि एक समस्या यह भी थी कि ब्लैकटाउन इंटरनेशल पार्क में ट्रेनिंग विकेट की प्रकृति सिडनी क्रिकेट मैदान के विकेट से अलग थी।

उन्होंने कहा, ‘‘अभ्यास के लिए जो विकेट मिले वे मैच के विकेटों से अलग (उछाल के मामले में) थे। सामंजस्य बैठाने में समय लग रहा है लेकिन यह चुनौती है। मैं इस चुनौती का लुत्फ उठा रहा हूं।” एक अन्य समस्या गेंदबाजों का टी20 में चार ओवर से एकदिवसीय प्रारूप में प्रति पारी 10 ओवर के अनुसार ढलना है।

अय्यर (Shreyas Iyer) ने कहा, ‘‘20 ओवर के प्रारूप से 50 ओवर के प्रारूप में ढलना काफी मुश्किल है। गेंदबाजों को 10 ओवर गेंदबाजी के बाद 50 ओवर क्षेत्ररक्षण भी करना पड़ रहा है। उनके नजरिये से यह आसान नहीं है लेकिन वे सकारात्मक मानसिकता के साथ वापसी करेंगे।”

अय्यर (Shreyas Iyer) का मानना है कि गेंदबाजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनमें से अधिकांश पर आईपीएल के दौरान गेंदबाजी का काफी बोझ था। यह पूछने पर कि क्या सफेद कूकाबूरा गेंद का भी गेंदबाजों पर असर पड़ रहा है तो उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर , अगर आप दोनों मैचों के स्कोर देखें तो 300 (350) से अधिक रन बने। गेंदबाजों को निश्चित तौर पर गेंद को लेकर कुछ परेशानी हो रही है।” (एजेंसी)