Krunal Pandya

क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya Birthday)आज अपना 30वां जन्मदिन मना रहे हैं।

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    नई दिल्ली. इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए पहले (India vs England 1st ODI Match) वनडे इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम के क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) ने अपना डेब्यू किया। अपने डेब्यू मैच में क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) ने हाफ सेंचुरी जड़ी और एक विकेट भी लिया। यह पारी उन्होंने अपने दिवंगत पिता हिमांशु पांड्या को समर्पित की। कल के मैच में अपनी जोरदार पारी से दिल जीतने वाले खिलाड़ी क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya Birthday) का आज जन्मदिन है। 

    क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya Birthday) आज अपना 30वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह जन्मदिन उनके लिए बेहद खास रहा है। क्योकि जन्मदिन के एक दिन पहले उन्होंने अपने वनडे इंटरनेशनल मैच में अपना डेब्यू किया। क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) का जन्म 24 मार्च 1991 को हुआ था। वह भारत के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के बड़े भाई भी हैं। इसके अलावा क्रुणाल आईपीएल में मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते है। तो आइये आज क्रुणाल के जन्मदिन के अवसर पर जानते हैं उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें।   

    क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) ने क्रिकबज के शो स्पाइसी पिच में अपनी जिंदगी के बारे में बताया था। क्रुणाल (Krunal Pandya) ने कहा था कि, “मैं और हार्दिक बचपन से ही एक ही स्कुल में पढ़ते थे। इसलिए हम दोनों के ज्यादा दोस्त नहीं थे। हम स्कूल जाते थे और फिर ग्राउंड पर क्रिकेट खेलने जाते थे। मैं पढ़ाई  में थोड़ा कमजोर था। जिसके वजह से मैं  10वीं में 3 बार फेल हुआ। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। स्कुल के बाद मैंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। दरअसल, मेरे मन में कहीं ना कहीं एक डर था कि अगर मैं क्रिकेट में कुछ नहीं कर पाया तो शिक्षा जरूरी है, कुछ ना कुछ तो गुजारा कर ही लेंगे।” 

     
     
     
     
     
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    एक इंटरव्यू में क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) ने बताया था कि, जब वह क्रिकेट जगत में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। तब उन्हें सरकारी नौकरी का ऑफर भी मिला था। लेकिन, उन्होंने यह ऑफर स्वीकार नहीं किया और आज इसी वजह से उनकी जिंदगी बदल गई है। 

    पांड्या (Krunal Pandya) ने बताया कि, ‘उस समय स्पीड पोस्ट में सरकारी नौकरी निकली थी। उसी दौरान मुझे ट्रायल के लिए लेटर आया। पापा ने कहा कि 25-30 हजार की नौकरी मिल जाएगी। उसी दिन सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए मेरे ट्रायल मैच भी थे। मैंने सोचा कि पिछले दो-ढाई साल में मैंने जो मेहनत की है वह इस स्पीड पोस्ट की नौकरी के लिए नहीं। मुझे एक अच्छा क्रिकेटर बनाना है। मैंने अच्छा क्रिकेट खेलने के लिए दिन रात मेहनत की। इसके बाद मैंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के ट्रायल मैच खेलने का फैसला किया। वहीं, सरकारी नौकरी का लेटर फाड़ दिया। मैंने ट्रायल मैच में अच्छा प्रदर्शन किया। इसके मुझे बड़ौदा की टीम में शामिल किया गया।’

     
     
     
     
     
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    क्रुणाल (Krunal Pandya) ने आगे बताया कि, उनकी इस सफलता के पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा। पांड्या ने कहा कि, ‘जब मैं 6 साल का तब मेरे पिता ने मेरा टैलेंट पहचान लिया। हम सूरत में रहते थे। लेकिन, मेरा टैलेंट देखने के बाद मेरे पिता ने वडोदरा शिफ्ट होने का फैसला किया। यह शायद पहली बार हुआ होगा की, किसी पिता ने अपने 6 साल के बेटे के टैलेंट को पहचान कर उसके लिए एक शहर से दूसरे शहर में रहने का फैसला लिया होगा।’ 

     
     
     
     
     
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