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वहीं, इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच रविवार को मुंबई और उत्तर प्रदेश के बीच में खेला जाएगा।

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    मुंबई. भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) विजय हजारे ट्रॉफी 2021 (Vijay Hazare Trophy) में शानदार बल्लेबाजी कर रहे है। पृथ्वी शॉ ने इस टूर्नामेंट में 188.5 की औसत से  754 रन बनाए है। वहीं, इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच रविवार को मुंबई और उत्तर प्रदेश के बीच में खेला जाएगा। इसी दौरान शॉ (Prithvi Shaw) ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे से वापस आने के बाद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से मिले थे। 

    ऑस्ट्रेलिया दौरे में ख़राब फॉर्म के चलते पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को ड्रॉप किया गया था। इसके बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ खेले गई चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भी शामिल नहीं किया गया। ऐसे में शॉ में मुंबई के लिए विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) में खेलना शुरू कर दिया। इस टूर्नामेंट में पृथ्वी शॉ ने शानदार बल्लेबाजी की है। 

    हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने बताया कि, ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद वह सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से मिले थे। इस मुलाकात के बाद उनकी किस्मत बदल गई। शॉ ने कहा कि, “जब मैं सचिन तेंदुलकर सर से मिला तो उन्होंने मुझसे कहा कि खुद में बहुत अधिक बदलाव मत करो, और जितना हो सके बॉल को अपने शरीर के पास खेलो। मैंने सचिन सर का कहना मानकर इस पर काम करना शुरू कर दिया।”

    शॉ (Prithvi Shaw) ने आगे कहा कि, “मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरा बैट गली एरिया से नीचे आ रहा था। लेकिन मैंने सारी जिंदगी इसी तरह से रन बनाए थे। मेरी सबसे बड़ी समस्या यह थी कि मैं जिस तरह आउट हो रहा था उसके बाद मुझे इसे तुंरत ठीक करना था। शुरुआत के दिनों में कुछ कठिनाईओ का सामना करना पड़ा। मैं फिक्स्ड पोजीशन में था। मुझे अपना बैट शरीर के करीब रखना था, जो मैं नहीं कर रहा था।”

    शॉ (Prithvi Shaw) ने आगे बताया कि, “भारत के हेड कोच रवि शास्त्री और बैंटिग कोच विक्रम राठौर ने भी मेरी काफी मदद की। इन दोनों ने बताया कि मैं क्या गलती कर रहा हैं।  नेट में लौटने के बाद मैंने इसका समाधान ढूंढ़ा। मैं छोटी-छोटी गलतियां कर रहा था। ऑस्ट्रेलिया में मैं जिस तरह आउट हुआ। उन दो गेंदों पर वाकई मैं बहुत बुरा खेला।”