Ross taylor

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    बर्मिंघम. स्टार बल्लेबाज रॉस टेलर का मानना है कि न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में प्रभावशाली प्रदर्शन करके अपनी ‘बेंच स्ट्रेंथ’ वह खिलाड़ी जिन्हें मुख्य खिलाड़ियों की मौजूदगी में मौका नहीं मिल पाता) की क्षमता दिखा दी है और चयनकर्ताओं के पास भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिये टीम का चयन करते समय पर्याप्त विकल्प होंगे। न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिये छह बदलाव किये। उसने भारत के खिलाफ 18 जून से शुरू होने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिये कुछ खिलाड़ियों को विश्राम दिया तो कुछ खिलाड़ी चोटिल होने के कारण नहीं खेल पाये।      

    कीवी टीम इंग्लैंड की धरती पर 22 साल में पहली श्रृंखला जीतने के करीब है। उसने मैच के तीसरे दिन इंग्लैंड के नौ विकेट 122 रन पर उखाड़ दिये थे। इंग्लैंड को अभी केवल 37 रन की बढ़त हासिल है। टेलर ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद पत्रकारों से कहा, ”यह उनके लिये ही टीम के लिये भी चुनौती थी। हमारे ​कई खिलाड़ी इस मैच में नहीं खेल रहे थे। कुछ को चोटिल होने के कारण मजबूर होकर बाहर बैठना पड़ा तो कुछ को (डब्ल्यूटीसी) फाइनल से पहले विश्राम दिया गया।” टेलर ने कहा, ”इन खिलाड़ियों ने इस मैच में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इससे चयनकर्ताओं के पास विश्व कप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिये पर्याप्त विकल्प हो गये हैं।” कप्तान केन विलियमसन को कोहनी की चोट के कारण बाहर होना पड़ा जबकि चयनकर्ताओं ने तेज गेंदबाज टिम साउदी और काइल जैमीसन को विश्राम दिया। इनकी जगह टीम में लिये गये विल यंग, मैट हेनरी और अजाज पटेल ने अच्छा प्रदर्शन किया।

    इसके अलावा इस मैच में वापसी करने वाले तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने भी प्रभावशाली गेंदबाजी की। भारत को डब्ल्यूटीसी फाइनल के बाद इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है। इंग्लैंड के कोच क्रिस सिल्वरवुड ने कहा कि टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और उम्मीद जतायी कि भारतीय श्रृंखला के लिये सीनियर खिलाड़ियों की वापसी होने पर युवा खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ”हमारे बल्लेबाज काफी युवा हैं और उन्हें कम अनुभव है। शीर्ष सात बल्लेबाजों में जो रूट ही ऐसे हैं जिन्हें अच्छा खासा अनुभव है।” सिल्वरवुड ने कहा, ”जोस बटलर और बेन स्टोक्स जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के आने से युवा खिलाड़ियों को भी मदद मिलेगी। हमने पूर्व में भी ऐसा देखा है कि जब आप अनुभवी खिलाड़ियों के बीच में अनुभवहीन खिलाड़ियों को रखते हों तो उन्हें सीखने में मदद मिलती है। मुझे उम्मीद है कि भारतीय श्रृंखला में ऐसा होगा।” (एजेंसी)