स्मृति मंधाना ने इस महारथी के बल्ले से ठोकी थी डबल सेंचुरी, जानिए ‘National Crush’ की दिलचस्प कहानी

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    – विनय कुमार

    भारतीय महिला क्रिकेट टीम की महाविस्फोटक बल्लेबाज स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) का बल्ला जब गरमाता है, तब गेंदबाजों की गेंदों पर टूट पड़ता है और रनों की बारिश होती है। स्मृति मंधाना अपने करियर के आरंभ से ही अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी के लिए जानी जाती हैं। ‘अंडर-19 वेस्टर्न डिवीजन क्रिकेट टूर्नामेंट’ (U-19 Western Division Cricket Tournament) में उनके नाम एक डबल सेंचुरी भी है। शायद बहुत कम लोगों को ही इस बात का इल्म होगा कि यह दोहरा शतक उन्होंने भारत के किस महारथी क्रिकेटर्स के बल्ले से लगाया था।

    गौरतलब है कि, स्मृति मांधना ने 17 साल की उम्र में अक्टूबर 2013 में ‘अंडर-19 वेस्टर्न डिवीजन क्रिकेट टूर्नामेंट’ (U-19 Western Division Cricket Tournament) में  डबल सेंचुरी ठोकी थी। स्मृति वनडे क्रिकेट में (ODI Cricket Double Century Smriti Mandhana) बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर थीं। यह डबल सेंचुरी उन्होंने  भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid The Wall) के बल्ले से लगाया था। इस मैच में स्मृति मंधाना ने 150 गेंदों में 224 रन बनाए थे और नॉट आउट रही थीं।

    इस बात का खुलासा उन्होंने यूट्यूब चैनल ‘ओक ट्री स्पोर्ट्स’ (Oak Tree Sports) के शो ‘ब्रेकफॉस्ट विद चैंपियंस’ (Breakfast with Champions) में किया था। शो के होस्ट गौरव कपूर (Gaurav Kapoor) अपनी खास बातचीत में स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) ने बताया कि उनके बड़े भाई श्रवण (Shravan Mandhana) भी क्रिकेट खेलते थे और वे राहुल द्रविड़ के बड़े प्रशंसक थे। एक मौके पर स्मृति के भाई श्रवण मंधाना ने राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) से गुज़ारिश की थी वे उन्हें अपनी बैट अपनी ऑटोग्राफ़ के साथ से दें। जिसके बाद राहुल द्रविड़ ने उन्हें अपनी ऑटोग्राफ़ वाली एक बैट दे दी थी।

    दिलचस्प बात तो यह है कि राहुल द्रविड़ ने अपनी ऑटोग्राफ़ के साथ वो बैट स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) के नाम से ही दिया था। स्मृति ने ‘ओक ट्री स्पोर्ट्स’ (Oak Tree Sports) के शो ‘ब्रेकफॉस्ट विद चैंपियंस’ (Breakfast with Champions) पर उस यादगार बल्ले से जुड़ी पूरी कहानी बताई। उन्होंने कहा, “मेरे भाई श्रवण ने द्रविड़ सर (Rahul Dravid) से मेरे लिए अपना ऑटोग्राफ किया बैट मांगा था। उन्होंने भी दरियादिली से बैट दे दी।”

    स्मृति ने आगे कहा “मैं इस बैट को संभालकर रखनी चाहती थी। लेकिन जैसे ही मैंने इसे हाथ में उठाया, तो इसका बैलेंस देखकर मैं हैरान रह गई। इस बल्ले का वजन (weight) और संतुलन (balance) गज़ब  का था। इसके बाद मैंने इससे खेलना शुरू कर दिया। मैंने वनडे फॉर्मेट (ODI Cricket) में जो पहला दोहरा शतक (Double Century) लगाया था, वो राहुल सर के आटोग्राफ वाले बैट से ही था। उसके बाद मैंने कई बार उसकी मरम्मत कराई और उसी से खेलती भी थी। लेकिन, उसके बाद मेरे पिता ने कहा कि अब इसको हटा दो ये बहुत खराब हो गया है। आज भी वो बैट मेरे पास सुरक्षित शोपीस में रखा हुआ है।”

    गौरतलब है कि, स्मृति मांधना (Smriti Mandhana) ने 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था। और ठीक 3 सालों में  ‘आईसीसी महिला टीम ऑफ द ईयर 2016’ (ICC Women Cricket Team of The Year, 2016) में नामित (nominate) होने वाली इकलौती भारतीय क्रिकेटर थीं। 2018 में उन्हें ‘वूमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ (Woman Cricketer of The Year, 2018) से सम्मानित किया गया था।