Suresh Raina
सुरेश रैना

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    – विनय कुमार

    भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज और आईपीएल में ‘कैप्टेन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की ‘येलो आर्मी’ के महाविस्फोटक ‘जवान’ सुरेश रैना ,,(Suresh Raina) ने अपनी आत्मकथा में टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल (Greg Chappell) की खुलकर तारीफ की है। उन्होंने अपनी इस ऑटोबायोग्राफी में कहा है कि, ‘ICC World Cup 2011’ की विजय-गाथा में ग्रेग चैपल का बड़ा योगदान रहा है। 

    सुरेश रैना की आत्मकथा ‘बिलीव, व्हाट लाइफ एंड क्रिकेट टॉट मी’ (Believe, What Life and Cricket Tought Me) में भारतीय क्रिकेट पर पूर्व कोच चैपल के प्रभाव के बारे में उन्होंने दिल खुलास तारीफें लिखी हैं। टीम इंडिया के तात्कालीन कप्तान सौरव गांगुली (The then Captain Sourav Ganguly) की सिफारिश पर ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था। बाद में टीम के कोच चैपल ने सौरव गांगुली को ही टीम से बाहर कर दिया था।

    गौरतलब है कि ग्रेग चैपल 2005 से 2007 तक भारतीय क्रिकेट टीम के कोच थे। उनके कोच रहते हुए ही टीम इंडिया ‘ICC ODI World Cup 2007’ के पहले राउंड में ही बाहर हो गई थी। इसके बाद चैपल को टीम कोच पद से हाथ धोना पड़ा था। लेकिन, टीम इंडिया के शानदार बल्लेबाज रहे सुरेश रैना ने अपनी आत्मकथा में लिखा, ‘‘मेरे विचार से ग्रेग (Greg Chappell) को भारतीय खिलाड़ियों की पीढ़ी को नए सांचे में ढालने का श्रेय (credit) मिलना चाहिए।

    जो बीज उन्होंने बोए थे, उनके फल बाद में दिखे, जब हमने ‘ICC ODI World Cup, 2011’ का वर्ल्ड कप जीता। मेरा मानना है कि उनके (Greg Chappell Former Coach Team India) कोचिंग करियर में तमाम विवादों के बीच उन्होंने भारत को जीत और जीतने की अहमियत सिखाई थी।’’

    खेल प्रेमियों को ये तो पता होगा ही कि, सुरेश रैना ने 2005 में टीम इंडिया के कोच ग्रेग चैपल की कोचिंग में ही अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। एमएस धोनी (MS Dhoni), युवराज सिंह (Yuvraj Singh) और गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) जैसे खिलाड़ी भी उनके नेतृत्व में चमके। टारगेट चेज़ करते हुए टीम (Team India) जीतने लगी थी।

    राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने लक्ष्य का पीछा करते हुए लगातार 14 मैच जीते थे। यह कारनामा वैसी टीम के लिए एक हैरतंगेज उपलब्धि थी, जिसे कभी खराब रन चेजर माना जाता था। रैना ने इसका क्रेडिट टीम के कप्तान और तात्कालीन कोच ग्रेग चैपल द्वारा किए गए काम को दिया।

    सुरेश रैना ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें लक्ष्य (Target) का पीछा करना सिखाया। उस वक्त हम सब अच्छा खेल रहे थे, लेकिन मुझे याद है कि वे (Greg Chappell) बैटिंग से जुड़ी मीटिंग में रनों के टारगेट को तोड़कर देखने पर जोर देते थे। इसके लिए ग्रेग और राहुल भाई (Rahul Dravid) दोनों को श्रेय जाता है।

    बल्लेबाजी क्रम (Batting Order) तय हो गया था। युवी (Yuvi), धोनी (Dhoni) और मैं (Raina) खेलते थे। तब तक हम प्रेशर को झेलना सीख चूक थे। साथ ही रनों का पीछा करना (run chasing) और जीतना भी। मैंने ग्रेग (Greg Chappell) से कई बातें सीखीं।’’