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जब वह इंग्लैंड के गेंदबाजों पर हावी हो चुके थे तब मुंबई के इस बल्लेबाज को विवादास्पद तरीके से आउट दे दिया गया।

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    अहमदाबाद. सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने अपने दूसरे अंतरराष्ट्रीय मैच में ही शानदार पारी खेली जिसका अंत विवादास्पद रहा लेकिन यह बल्लेबाज इससे निराश नहीं है और उन्होंने कहा कि कुछ चीजें खिलाड़ियों के नियंत्रण में नहीं होती हैं। 

    सूर्यकुमार (Suryakumar Yadav) ने 31 गेंदों पर 57 रन की पारी खेली जिससे भारत ने गुरुवार की रात को इंग्लैंड को (India vs England 4th T20 Match) चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में आठ रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला 2-2 से बराबर की। जब वह इंग्लैंड के गेंदबाजों पर हावी हो चुके थे तब मुंबई के इस बल्लेबाज को विवादास्पद तरीके से आउट दे दिया गया। 

    डाविड मलान ने सैम करेन की गेंद पर सूर्यकुमार  (Suryakumar Yadav)का सीमा रेखा पर कैच लिया जिसमें रीप्ले से साफ लग रहा था कि गेंद ने जमीन को स्पर्श किया है लेकिन कई कोण से रीप्ले देखने के बाद तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर का आउट का फैसला बने रहने दिया।

    सूर्यकुमार (Suryakumar Yadav) ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक मेरे आउट होने की बात है तो मैं वास्तव में निराश नहीं हूं क्योंकि कुछ चीजें मेरे नियंत्रण में नहीं हैं। जो चीजें मेरे नियंत्रण में हैं मैं उन पर नियंत्रण रखने की कोशिश करता हूं। इससे बाहर की चीजें मेरे नियंत्रण में नहीं होती हैं।”उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जिस पहली गेंद का सामना किया उस पर छक्का लगाया और यह गेंद किसी और की नहीं बल्कि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की थी।

    सूर्यकुमार (Suryakumar Yadav) ने कहा, ‘‘जिस तरह से चीजें आगे बढ़ी उससे मैं वास्तव में खुश हूं। जब मैं बल्लेबाजी के लिये उतरा तो मेरी रणनीति स्पष्ट थी। मैंने आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के पिछले दो तीन सत्रों में आर्चर को देखा था। मैंने उनके सभी मैच देखे थे और जानता था कि नये बल्लेबाज के लिये उनकी रणनीति क्या होती है। मैंने उसी हिसाब से अपनी रणनीति बनायी थी।”

    उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिये तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करना मेरे लिये बहुत बड़ा मौका था। जब मुझे पता चला कि मुझे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करनी है तो मैं बहुत खुश था। मैं जानता था कि मैंने पूर्व में क्या किया है और मुझे उसी के अनुसार चलना है। सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘मैं इस तरह की परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ था। मैं कुछ भी अलग हटकर नहीं करना चाहता था। ”