वलसाड के ‘हीरो’ अर्जन नागवासवाला की टीम इंडिया तक की यात्रा की कहानी, जानिए, कैसे मिली ‘टीम इंडिया’ में जगह ?

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    -विनय कुमार

    ‘आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021’  के लिए टीम चयन के बाद टीम इंडिया में शामिल किए गए एक नाम ने समूची क्रिकेट की दुनिया में मानो हलचल मचा दी। 23 साल का युवा गेंदबाज अर्जन नागवासवाला (Arzan Nagwaswalla), जिन्हें पहली बार सीनियर नेशनल टीम में जगह मिली है। 

    अर्जन नागवासवाला की कड़ी मेहनत और लगन के साथ-साथ उनकी कुशलता और गेंदबाजी के कौशल का फल उन्हें मिला है। डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन की बदौलत वह इस मुकाम तक पहुंचने में कामयाब हुए। हालांकि, ख़बरों की सुर्खिंयां बनने की पीछे कारण कुछ और ही है। 

    गौरहलाब है कि, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में करीब 45 साल बाद, यानी, 1975 के बाद टीम इंडिया में शामिल होने वाले वे पहले पारसी क्रिकेटर (Parsi Cricketers in Team India) हैं। Arzan Nagaswala से पहले 1975 में फारुख इंजीनियर (Farokh Engineer) ने भारत के लिए अपना अंतिम मैच खेला था। और अगर महिला भारतीय क्रिकेट टीम की बात की जाए तो, वहीं, डायना इडुल्जी (Diana Edulji Woman Cricketer Indian Cricket Team) ने जुलाई 1993 में अपना आखिरी मैच खेला था।

    अर्जन नागवासवाला (Arzan Nagaswala)  गुजरात के एक छोटे से गांव नार्गोल (Nargol) के रहने वाले हैं। उनका जन्म सूरत में हुआ था। अर्जन ने डोमेस्टिक क्रिकेट में अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 स्तर पर गुजरात टीम (Gujarat Team Domestic Cricket Arzan Nagaswala) का प्रतिनिधित्व किया है। इस दौरान उन्होंने अपने बेहतरीन कुशलता और खेल के कौशल के प्रदर्शन से क्रिक्रेट-पंडितों  काफी प्रभावित किया। इंग्लैंड में खेले जाने वाले क्रिकेट के इतिहास के पहले टेस्ट विश्व कप (ICC WORLD TEST CHAMPIONSHIP 2021) के फाइनल मुकाबले और इंग्लैंड दौरे के लिए जाने वाली इंग्लैंड रवाना होने वाली टीम का हिस्सा बनाने के पीछे चयनकर्ताओं ने भी उनके पिछले ‘रणजी ट्रॉफी’ (Ranji Trophy) के प्रर्दशन को ही आधार बनाया। 2019-20 सेशन के दौरान उन्होंने 41 विकेट हासिल किए थे।

    वलसाड़ (Valsad Gujarat Arzan Nagaswala Indian Cricket Team) के हीरो को काफी समय से खेलते देख रहे गुजरात टीम के कोच और सिलेक्टर संतोष देसाई (Santosh Desai) ने एक इंटरव्यू में कहा, “अर्जन नागवासवाला जब अंडर-19 और अंडर-23 टीम का हिस्सा थे, तब मैं उनका डिस्ट्रिक्ट लेवल का कोच था। वह एक शानदार तेज गेंदबाज हैं। अंडर-16 और अंडर-19 स्तर पर उन्होंने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से काफी प्रभावित किया। इसी प्रदर्शन की बदौलत उन्हें ‘रणजी ट्रॉफी’ (Ranji Trophy) में खेलने का मौका मिला। पिछले साल हुए ‘सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी’ (Syed Mushtaq Ali Trophy) में भी उन्होेंने धारदार गेंदबाजी की।”

    कोच संतोष देसाई के अनुसार, अर्जन को आईपीएल (IPL T20 TOURNAMENT)) में मौका मिलना चाहिए था। हालांकि, टीम इंडिया में जगह पा कर उन्होंने इस कमी को पूरी कर दी है।

    आपको याद दिला दें, कि अर्जन नागवासवाला (Arzan Nagaswala Indian Cricketer) 2018 में उस समय चर्चा में आए थे जब ‘रणजी ट्रॉफी’ (Ranji Trophy 2018) के एक मैच में उन्होंने मुंबई (Mumbai Team Ranji Trophy 2018) के खिलाफ पांच विकेट चटकाए। इस मैच में उन्होंने 23.3 ओवर में 78 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे। 2019-20 के सेशन में अर्जन ने 18.36 की औसत और 39.4 की स्ट्राइक रेट से बेहतरीन गेंदबाजी की थी। इस दौरान तीन बार उन्होंने पारी में 5 विकेट हॉल लिए और एक बार पंजाब टीम के खिलाफ खेले गए मैच में 10 के 10 विकेट उड़ा लिए थे। 

    वहीं पिछले साल 2020 में ‘विजय हजारे ट्रॉफी’ (Vijay Hazare Trophy 2020)  में भी उन्होंने अपनी खास छाप छोड़ी थी। उस टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 19 विकेट हासिल किए थे। छत्तीसगढ़ टीम के खिलाफ अर्जन नागवासवाला ने 54 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे। और अपनी टीम गुजरात को टूर्नामेंट के सेमी-फाइनल तक पहुंचाने में उन्होंने बड़ी भूमिका अदा की थी।