Justine Langer

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-विनय कुमार.

टीम ऑस्ट्रेलिया (Team Australia) के कोच जस्टिन लैंगर ने 2018-19 में खेली गई ‘बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी” (Border-Gavaskar Trophy) में भारत की जीत को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जो टीम इंडिया के लिए तारीफ़ के साथ साथ चुनौती भी है। लैंगर ने कहा है कि 2 साल पहले हुई भारत-ऑस्ट्रेलिया (India-Australia Series 2018-19) में ऑस्ट्रेलिया, भारत की चुनौती का सामना नहीं कर पाई थी, कप्तान विराट कोहली की टीम उस जीत की हकदार थी।

ग़ौरतलब है कि, 2018 में भारत ने कप्तान कोहली के नेतृत्व में  में ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया की ही ज़मीन पर सीरीज में हराकर इतिहास रचा था। 2018 की इस सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराया था।

टीम ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ने कहा, “अगर मैं उस समय की बात करूं तो, एमसीजी मैदान (MCG GROUND) में हमने टॉस गंवा दिया था। पर्थ टेस्ट (Perth Test Match, India-Australia) जीतने के बाद फ्लैट विकेट पर टॉस गंवाना  महंगा पड़ा। मैंने अपने जीवन में सबसे फ्लैट क्रिकेट देखी थी उस मैच में। भारतीय टीम ने लगभग दो दिन तक गेंदबाजी की थी। इसके बाद हमें एससीजी मैदान पर अगला टेस्ट खेलना था और वह भी काफी फ्लैट विकेट था। भारत ने पहला टेस्ट 31 रन से जीत लिया था।”

इस टेस्ट मैच के बाद ऑस्ट्रेलिया ने जबरदस्त वापसी करते हुए भारत को 146 रनों से हराया था। फिर अगले टेस्ट मैच में भारत ने 137 रन से हराकर सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया था। इस टेस्ट मैच में मयंक अग्रवाल ने टेस्ट मैच में डेब्यू किया था। आखिरी टेस्ट मैच सिडनी के मैदान में खेला गया था, जो ड्रॉ रहा।

ऑस्ट्रेलिया के पास सुनहरा मौका है कि वह बेहतरीन खेल का प्रदर्शन कर ‘बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी’ अपने पास वापस ले ले। टीम ऑस्ट्रेलिया ये कमाल कर भी सकती है, क्योंकि क्रिकेट की दुनिया के ‘एंग्री यंग मैन’ रन-मशीन कप्तान विराट कोहली 3 टेस्ट मैचों में नहीं होंगे। ज़ाहिर है, ऑस्ट्रेलिया के पास अच्छा मौका है।

ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच स्टीफन लैंगर ने कहा, “हम कोई बहाना नहीं बना रहे हैं, लेकिन उस वक्त वापसी कर पाना मुश्किल था। भारत अपने चरम पर था, उन्होंने इतिहास में पहली बार हमें हराया। और, वह इसके हकदार थे। लेकिन, अब हमारी टीम दो साल पुरानी टीम नहीं है, यह अब कहीं बेहतर टीम है। कई भारतीय खिलाड़ी अब भी वही हैं और काफी अनुभव है उनके पास। मैं इस मुकाबले का बेताबी से इंतजार कर रहा हूं।”

‘बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी’ (Border-gavaskar Trophy) की डिफेंडिंग चैम्पियन टीम इंडिया के लिए ये दौरा बड़ी चुनौती होगा। पहले टेस्ट मैच में कप्तान कोहली तो रहेंगे, लेकिन बाकी के निर्णायक 3 टेस्ट मैचों के कप्तान के लिए ट्रॉफी को बचाने की जुगत में रणनीति तैयार कर एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया को उसी की ज़मीन पर हराना बड़ी चुनौती होने के साथ-साथ, बड़ी ज़िम्मेदारी भी होगी। अगर वो कप्तान ये कारनामा कर जाता है, तो भविष्य में टीम इंडिया की रचना में एक नया समीकरण भी देखने को मिल सकता है।