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नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने राष्ट्रीय राजधानी में  कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए बृहस्पतिवार को ‘‘सब गतिविधियों को खोलने” के लिए आप सरकार पर सवाल उठाया। उच्च न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार को लोगों की जिंदगी से खेलने नहीं दिया जा सकता और राज्य नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार है, जिसके लिए,निजी अस्पतालों सहित दूसरों को साथ लेना होगा।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की एक पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार को मौजूदा स्थिति के मद्देनजर अधिक चौकन्ना रहने की जरूरत है। उच्च न्यायालय, दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसने आग्रह किया था कि कोविड- 19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उसे कम से कम 15 दिन के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित करने का अधिकार दिया जाए। दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के सर्वाधिक 8,593 नए मामले सामने आने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के मामले बढ़कर 4.59 लाख के पार चले गए थे। वहीं 85 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 7,228 हो गई।