भाजपा ने नदी किनारे छठ पूजा पर प्रतिबंध का विरोध किया, केजरीवाल को पूर्वांचल विरोधी बताया

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नई दिल्ली. भाजपा की दिल्ली इकाई ने नदी के किनारों, मंदिरों में और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा आयोजित करने पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग तेज करते हुए मंगलवार को पार्टी के पूर्वांचल मोर्चा के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के सामने प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुये पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष कौशल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को “पूर्वांचल विरोधी” करार दिया और कहा कि इस प्रतिबंध से दिल्ली में रहने वाले बिहार एवं पूर्वांचल के लोगों की धार्मिक भावनायें आहत हुयी है।

भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार अगले 24 घंटे के अंदर अपने ”तुगलकी फरमान” को वापस ले ले, नहीं तो पूर्वांचल के लोग इसे उचित समय पर सबक सिखायेंगे।

दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख नवीन कुमार ने बताया कि छठ पूजा समितियों के प्रतिनिधियों एवं सैकड़ों पूर्वांचलियों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ​लिया।

सिंह ने सवाल किया कि केजरीवाल ने साप्ताहिक बाजारों, मॉलों और शराब की दुकानों को खोल दिया है और पूरी क्षमता के साथ डीटीसी बसों को चलाने की अनुमति दी है तो वह छठ महापर्व को प्रतिबंधित कर पूर्वांचल के लाखों लोगों के साथ भेदभाव क्यों कर रहे हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा, “जिस प्रकार मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र को एक पत्र लिखा और छठ पूजा को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव दिया था, उसी प्रकार उन्हें उप राज्यपाल को एक पत्र लिख कर छठ महापर्व आयोजित करने का प्रस्ताव भेजना चाहिये, हम उपराज्यपाल से इसकी अनुमति ले लेंगे।”

दिल्ली भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि पूर्वांचल के रहने वाले किसी भी व्यक्ति ने सोचा नहीं था कि केजरीवाल छठ पूजा को प्रतिबंधित कर देंगे, इसी कारण हमें विरोध प्रदर्शन करने के लिये मजबूर होना पड़ा है। (एजेंसी)