नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए की जाने वाली आरटीपीसीआर जांच का शुल्क 800 रुपये तय करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को आप सरकार से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति नवीन चावला (Justice Naveen Chawla) ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और ‘एसोसिएशन ऑफ प्रैक्टिसिंग पैथोलॉजिस्ट’ (Association of Practicing Pathologists) की याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है, जिसमें कहा गया है कि निर्धारित शुल्क में जांच में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों की लागत कवर नहीं की गई है।
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि यह मूल्य सीमा ट्रूनेट और सीबीएनएएटी जांच के लिए लागू नहीं की जा सकती क्योंकि उेमें कॉर्ट्रिज का उपयोग होता है जो बहुत महंगे हैं। कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण का पता लगाने के लिए इन जांचों का भी उपयोग किया जाता है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश उनके स्थायी वकील रमेश सिंह और अतिरिक्त स्थायी वकील गौतम नारायण ने अदालत को बताया कि यह मूल्य सीमा सीबीएनएएटी (CBNAAT) और ट्रूनेट जांच (TruNet investigations) पर लागू नहीं है क्योंकि ये आरटीपीसीआर से अलग हैं। अदालत ने यह भी कहा कि तीनों जांच एक समान नहीं हैं और इसलिए इनके लिए समान मूल्य तय नहीं किया जा सकता है।(एजेंसी)