Impose sewage charges on all houses in Delhi: Green Tribunal

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नयी दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि यमुना में अशोधित जल-मल गिराने के एवज में वह राष्ट्रीय राजधानी के सभी मकानों पर सीवेज शुल्क लगाए। अधिकरण ने कहा कि दिल्ली की अवैध कालोनियों में रहने वाले 2.3 लाख लोगों ने सीवेज का कनेक्शन नहीं लिया है जिसके कारण नदी में प्रदूषक तत्व जा रहे हैं।

अधिकरण ने कहा कि ‘‘प्रदूषक भरपाई करता है” के सिद्धांत पर प्रत्येक व्यक्ति अपने घर से प्रदूषित पानी छोड़कर प्रदूषण फैला रहा है। एनजीटी के अध्यक्ष ए.के. गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार सीवेज शुल्क लगाने और उसकी वसूली करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के 24 अक्टूबर, 2019 के आदेश को लागू करे।”

अधिकरण ने 2015 में उक्त सिद्धांत के आधार पर ही प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह दिल्ली के प्रत्येक मकान से पर्यावरणीय मुआवजा वसूल करे। बाद में इस फैसले पर उच्चतम न्यायालय ने भी मुहर लगा दी थी। एनजीटी इस मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी 2021 को करेगा।(एजेंसी)