boycott the President's address
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) सोमवार को यहां आम आदमी पार्टी (आप) (AAP) की पंजाब (Punjab) इकाई द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन (Protest) में शामिल हुए और हाल में अस्तित्व में आए तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग की। केजरीवाल ने जंतर मंतर (Jantar Mantar) पर पंजाब से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और कहा कि कृषि कानूनों पर आप का एक बहुत स्पष्ट रुख है।

उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि इन तीन कानूनों को पूर्ण रूप से वापस लिया जाए।” उन्होंने कहा, “दूसरा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर देश में एक कानून लाया जाना चाहिए। इस लड़ाई में पूरी दिल्ली किसानों के साथ खड़ी है और दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर मैं इस प्रदर्शन में आपका समर्थन करता हूं।”

केजरीवाल ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर कुछ पार्टियां राजनीति में लिप्त हैं। केजरीवाल ने किसी का नाम लिये बिना कहा, ‘‘जब विधेयक तैयार किया जा रहा था तब एक राष्ट्रीय दल के नेता कमेटी में शामिल थे, और उन्होंने भाजपा को कानून बनाने के लिए बधाई दी, यह आश्वस्त किया कि विधेयक पारित हो जाए और जब विधेयक पारित हो गया वे विरोध कर रहे हैं।

क्या लोग मूर्ख हैं?” उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का वादा किया था, लेकिन वह उससे बिल्कुल उलट कर रही हैं जिसकी सिफारिश इसमें की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘जब वे वोट मांगने आए थे तो उन्होंने कहा कि वे स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करेंगे, लेकिन जीतने के बाद उन्होंने क्या किया? वे एमएसपी हटा रहे हैं। जब हमारी सरकार दिल्ली में बनी थी, तो सरकारी स्कूलों और अस्पतालों का बुरा हाल था। तो हमने क्या किया? हमने उन्हें बंद नहीं किया, हमने उन्हें सुधारा।

भाजपा ने इस देश के किसानों के साथ विश्वासघात किया है।” केजरीवाल के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह, आप सांसद भगवंत मान और पार्टी के अन्य विधायक प्रदर्शन में शामिल हुए। तीन कानून- कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम -2020, कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद 27 सितंबर को प्रभावी हो गए हैं।