Know about him on the death anniversary of Sushma Swaraj, the first woman CM of Delhi

Loading

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता, दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और प्रबल विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज की आज 6 अगस्त को प्रथम पुण्यतिथि है. स्वराज को भाषा की मर्यादा और परिपूर्ण भाषण देने के लिए हमेशा स्मरण जाएगा.

जीवन परिचय:
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला छावनी में हुआ था. उनके पिता हरदेव शर्मा और माता लक्ष्मी देवी थी. उन्होंने राजनीति विज्ञान और संस्कृत में बीए किया था. उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी में डिग्री प्राप्त की. सुषमा को शास्त्रीय संगीत, कविता, ललित कला और नाटक में काफी रूचि थी. इसी के साथ वह एनसीसी की सर्वश्रेष्ठ कैंडिडेट भी रही हैं.

करियर:
सुषमा स्वराज ने अपना राजनीतिक करियर भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू किया. आपातकाल के दौरान उन्होंने जय प्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लिया. आपातकाल की समाप्ति के बाद वह जानता पार्टी की सदस्य बन गईं. 1977 में अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर हरियाणा विधानसभा की सदस्य बनी. मात्र 25 साल की उम्र में उन्होंने कैबिनेट मंत्री बनकर रिकॉर्ड बनाया. 

80 के दशक में वह भाजपा में शामिल हो गई. इसके बाद 1987 से लेकर 1990 तक अंबाला छावनी से  विधायक रहीं. वर्ष 1990 में वह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई.

1996 के आम चुनाव में दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता और पहली बार लोकसभा की सदस्य निर्वाचित हुई. 1998 के आम चुनाव में भी इसी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंची. अक्टूबर 1998 में उन्होंने केंद्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दिया और 12 अक्टूबर 1998 दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला. हालांकि, 2 महीने बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय राजनीति में वापस आ गईं.

वर्ष 2000 में वह उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सदस्य नियुक्त हुईं. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में विभिन्न मंत्रालयों का प्रभार संभाला.

वर्ष 2006 में वह पुनः मध्यप्रदेश राज्य से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुईं. इसके बाद 2009 के आम चुनाव में मध्यप्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से रिकॉर्ड मतो से जीत कर पुनः लोकसभा पहुंची और 2019 तक इसी सीट से सांसद रहीं. 

2014 के लोकसभा चुनाव में जीत कर संसद पहुंची और भारत की पहली विदेश मंत्री होने का सौभग्य प्राप्त हुआ. सांसद और मंत्री होने के साथ साथ उन्होंने पार्टी संगठन में भी प्रमुख पदों पर कार्य किया. 

भाषण:
सुषमा स्वराज अपने राजनीति कार्य कुशलता के साथ-साथ एक प्रखर वक्ता भी थीं. उनकी हिंदी पर बड़ी शानदार पकड़ थी. वे अपने भाषणों में शब्दों की मर्यादा के साथ अपने विरोधियों पर हमला बोलती थीं. वर्ष 1996 में लोकसभा में दिया उनका भाषण काफी चर्चा में रहा. अपने भाषण में उन्होंने देवेगौड़ा के नेतृत्व में जोड़तोड़ कर बनाई गई सरकार पर जोरदार हमला बोला था. विदेशमंत्री रहते हुए सुषमा ने वर्ष 2016 में सयुंक्त राष्ट्र संघ की सभा में, हिंदी में दिया उनका भाषण देश में चर्चा का विषय बन गया था. स्वराज की हिंदी के साथ साथ अन्य भाषाओं में भी अच्छी पकड़ थी. अंग्रेजी, संस्कृत, हरियाणवी, पंजाबी, उर्दू बड़ी आसानी से बोल लेती थीं. 1996 के कर्नाटक के बल्लेरी सीट से चुनाव के दौरान उन्होंने कन्नड़ सीखी और पूरे चुनाव प्रचार में कन्नड़ भाषा का इस्तमाल किया. 

पुरस्कार:
सुषमा स्वराज ने अपनी कार्य कुशलता और अपने राजनीतिक समझ से अपनी अलग पहचान बनाई थी. अपने 42 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने कई पुरस्कार भी हासिल किए. हरियाणा राज्य विधानसभा द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्पीकर का पुरस्कार दिया गया था. साल 2008 और 2010 में दो बार सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिल चुका है और वो पहली एक मात्र महिला सांसद हैं, जिन्हें ‘उत्कृष्ट सांसद’ का भी पुरस्कार मिल चुका है.

निधन:
सुषमा स्वराज का निधन दिल का दौरा पड़ने से एम्स अस्पताल में 6 अगस्त 2019 को हुआ था. 67 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

-मृणाल पाठक