नई दिल्ली. राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने उत्तर प्रदेश के कानपुर के पनकी थर्मल पावर संयंत्र से हो रहे वायु और जल प्रदूषण के आरोपों की जांच करने और रिपोर्ट पेश करने के लिये बृहस्पतिवार को एक समिति गठित की। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में इस समिति को दो महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘आगे बढ़ने से पहले हम एक संयुक्त समिति द्वारा मामले में ई-मेल के जरिए दो महीनों के भीतर तथ्यागत रिपोर्ट दिए जाने की आवश्यकता समझते हैं। समिति में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट, कानपुर (ग्रामीण) शामिल हैं।” अधिकरण ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समन्वय एवं अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होगी।
एनजीटी कानपुर निवासी पवन कुमार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया कि पनकी थर्मल पावर प्लांट से वायु तथा जल प्रदूषण हो रहा है जिससे लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर असर पड़ रहा है। याचिका के अनुसार यह संयंत्र कानपुर में 1977 में लगाया गया और इसके विस्तार की मंजूरी 2017 में दी गई। मामले पर अगली सुनवाई के लिए नौ नवंबर की तारीख तय की गई है।(एजेंसी)