प्रतीकात्मक तस्वीर
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    मेरठ: मेरठ के शुभकामना अस्पताल में डॉक्टर विक्रांत भगत उर्फ़ मनीष कौल  को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मनीष क़ौल दिल्ली और मुंबई के मोस्ट वांटेड अपराधी है। जिस पर दिल्ली में महिला से शादी कर 70 लाख रुपये ठगने और मुंबई पुलिस पर फायरिंग कर भागने सहित कई संगीन मामले दर्ज है। 

    प्राप्त जानकारी अनुसार, आरोपी  मनीष क़ौल पर मुंबई, राजस्थान और हरियाणा में करीब 35 मुकदमे दर्ज है। दिल्ली की एक कोर्ट ने मोतीनगर थाने में धोखाधड़ी के मामले में वारंट जारी किया था।  इसके आलावा आरोपी पर अपने पत्नी से धोखाधड़ी कर 70 लाख ठगने और  कीर्ति नगर थाने  में पुलिस हिरासत से भागने का मामला दर्ज है। मनीष कौल पर एमडी की फर्जी डिग्री का केस भी चल रहा है।  जिस मामले में पुलिस ने उसे 2019 में मुंबई ले गई थी, जहां आरोपी पुलिस पर फायरिंग कर भागने में कामयाब हो गया। मुंबई से भागने के बाद आरोपी मेरठ पोहचा और फर्जी डिग्री के भरोसे क्लिनिक चलाने लगा। इसके आलावा कई अस्पताल में प्रैक्टिस भी करता था।  

    इंटरनेट पर पत्नी ने खोज निकला  

    आरोपी मनीष कौल ने दिल्ली में डेंटिस्ट के साथ शादी की थी,उनका एक बच्चा है।  एक दिन मनीष की फर्जी डिग्री की जानकारी उसके पत्नी को मिल गई।  जिसके बाद दोनों में झगड़ा हो गया। तब तक मनीष ने महिला से 70 लाख रुपये ले चूका था। हालत बिगड़ते ही आरोपी घर से फरार हो  गया। जिसके बाद वह मेरठ में पहचान छुपाकर रहने लगा। एक दिन पत्नी ने इंटरनेट पर एक अस्पताल के कार्यक्रम में हुलिया बदलकर रहनेवाले मनीष को पहचान लिया और उसकी  जानकारी पुलिस को दी।  जिसके पंद्रह दिन बाद पुलिस ने उसे मेरठ पहुंचकर गिरफ्तार कर लिया है।  

    कई शहरों में नए नाम से रहा आरोपी 

    मनीष कौल  जहा भी जाता अपना नाम बदलकर रहने लगता था। अम्बाला में गृह जनपद होने के कारण मनीष कौल नाम से रहने लगा। वह  दिल्ली में वरुण कौल, उसके बाद मेरठ में विक्रांत भगत, राजस्थान में आशुतोष मारवा, गोवा में विशेष धीमन, मुंबई में संजीव चड्ढा के नाम से रहता था। फ़िलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है की आरोपी और कितने शहरों में नाम बदलकर रहता था।   

    आरोपी के पिता भी थे फर्जी  डॉक्टर 

    मनीष के अलावा उसके पिता भी डॉक्टर थे। उन पर भी फ्रॉड के कई आरोप थे। इन्ही आरोपों के चलते उसके पिता ने नाम बदला और अपने बच्चे का भी नाम बदल दिया था। मनीष के पिता का भी अस्पताल था लेकिन अपराधों की लम्बी लिस्ट को देखकर उसके पिता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जहां से मनीष भागने में कामयाब हो गया था ।