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    नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) ने गुजरात (Gujarat) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस बुरी स्थिति के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) एवं गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) अपने गृह राज्य पर कोई ध्यान नहीं दे रहे। पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव सातव (Rajiv Sawant) ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए कई रचनात्मक सुझाव दिए, लेकिन राज्य सरकार ने विपक्ष का मजाक बनाया।

    उल्लेखनीय है कि गुजरात में बुधवार को कोरोना वायरस के 12,553 नए मामले सामने आए और 125 मरीजों की मौत हो गई। सातव ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब कोरोना से निपटने के लिए काम करना चाहिए था तो अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ का आयोजन किया गया। गुजरात में कोरोना की शुरुआत इसी कार्यक्रम से हुई।” उन्होंने दावा किया, ‘‘ कोरोना की दूसरी लहर आने के बावजूद गुजरात सरकार सजग नहीं हुई। सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया और इसके लिए बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके बाद यहां से संक्रमण बढ़ता चला गया।”

    सातव ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने गुजरात में कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए कई रचनात्मक सुझाव दिए। हमने राज्यपाल से मुलाकात की और कहा कि हम पूरे प्रयास में गुजरात सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। लेकिन राज्य सरकार ने कांग्रेस का मजाक बनाया।” सातव ने दावा किया कि जिस ‘गुजरात मॉडल’ का दावा किया गया वो सिर्फ ‘‘मार्केटिंग” थी।

    उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से कहना चाहते हैं कि आप पश्चिम बंगाल में घूम रहे हैं, कुछ दिन तो गुजारिये गुजरात में। गुजरात की साढ़े छह करोड़ लोग बहुत परेशान हैं।” गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह तथा राज्य सरकार गुजरात पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाई जा रही है। लोग बहुत परेशान हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। बुरा हाल है। साढ़े छह करोड़ लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।”

    गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने आरोप लगाया कि जनता परेशान है, लेकिन भाजपा के कई नेताओं ने रेमेडिसिवर इंजेक्शन और दूसरी जरूरी दवाओं की जमाखोरी कर ली है। उन्होंने यह दावा भी किया कि राज्य सरकार आंकड़े छिपा रही है, जबकि अस्पताल के साथ-साथ श्मशान में भी शवों का दाह संस्कार करने के लिए कतारें लगी हुई हैं। धनानी ने कहा कि राज्य सरकार को सबको साथ लेकर इस स्थिति से निपटने का पुरजोर प्रयास करना चाहिए।