नयी दिल्ली. कोरोना से जहाँ साल 2020 में अर्थव्यवस्था को धक्का लगा है। वहीं इसके चलते भारत में जॉब सेक्टर भी संकट में आ गई है । नतीजतन, अरबों लोगों ने अपनी नौकरी खो दी। इसके अलावा, कई कंपनियों ने सैलरी में कटौती कर ली । कोरोना से होने वाले नुकसान के कारण कई कंपनियों ने इस साल अपना वेतन नहीं बढ़ाया है। इसलिए, वेतन भोगियों का ध्यान अब अगले वर्ष 2021 पर है।
कंसल्टेंसी फर्म ECA इंटरनेशनल ने भविष्यवाणी की है कि 2021 एशिया में कर्मचारियों के लिए एक अच्छा वर्ष होगा। ईसीए इंटरनेशनल का अनुमान है कि एशिया में वेतन दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में अधिक होगाऔर औसत वेतन वृद्धि 4.3 प्रतिशत होगी, जो पिछले साल 3.2 प्रतिशत थी।
एशियाई महाद्वीप में इंडोनेशियाई श्रमिकों को उच्चतम वेतन वृद्धि प्राप्त होने की उम्मीद है। देश के कर्मचारियों को अगले साल औसतन 3.8 प्रतिशत वेतन वृद्धि मिलेगी। 2020 में, कर्मचारियों को औसत वेतन वृद्धि 2.6 प्रतिशत प्राप्त हुई।
इज़राइल 2.8 प्रतिशत के औसत के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है। सिंगापुर और थाईलैंड में कर्मचारियों को 2.7 प्रतिशत वेतन वृद्धि मिल सकती है। भारत सूची में आठवें स्थान पर है। ईसीए इंटरनेशनल का अनुमान है कि भारतीय कर्मचारियों को 2.3 वेतन वृद्धि मिलेगी। ईसीए इंटरनेशनल ने 68 देशों की 370 कंपनियों के लिए पेरोल के आंकड़े जारी किए हैं।
कोरोना संकट के बाद भी, जैसा कि एशियाई देशों में उत्पादकता बढ़ी है, कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होगी, ईसीए इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट में कहा।