Nirmala Sitharaman

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    नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बजट को निवेश, मांग और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाला बताते हुए शनिवार को कहा कि उनकी सरकार की ओर से उठाए गए सुधारवादी कदमों से भारत को दुनिया की एक शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता बनेगा। उन्होंने पूंजीपतियों के साथ साठगांठ करने के विपक्ष के आरोपों को दृढता से निरस्त करते हुए गांव, गरीब और आम लोगों के कल्याण के लिए राजग सरकार की तमाम योजनओं और उनके लिए बजट में लगातार बढ़ोतरी किए जाने का जिक्र किया। वित्त मंत्री ने देश की तरक्की में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की भूमिका के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि उनकी सरकार संपत्ति सृजन करने वालों का सम्मान करने में विश्वास रखती है क्योंकि सम्पत्ति के बिना सरकार को पर्याप्त संसाधन नहीं मिल सकते। सीतारमण के जवाब के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे।

    उन्होंने अपने भाषण के आखिरी हिस्से में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी () का नाम लेकर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और संस्थाओं का निरादार करने की प्रवृत्ति की तीखी आलोचना की। बजट को पूंजीपतियों का बजट बताने वाले विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह सरकार हर वर्ग के लिये काम कर रही है और साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की झूठी कहानी गढ़ने की आदत हो गयी है। उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, छोटे और मझोले उद्यमों की सहायता के लिये मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना और अन्य तमाम कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कि कहा कि इनका फायदा किसी पूंजीपति की जेब में नहीं जाता है।

    लोकसभा (Lok Sabha) में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बजट देश को आत्मनिर्भर बनने में तेजी लाएगा और सुधारों की दिशा में उठाये गये कदम भारत दुनिया में शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता साफ करेगा।” सीतारमण ने कहा कि सरकार गरीबों के लिये सड़क से लेकर कृषि, मकान से लेकर बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है, इसके बावजूद विपक्ष झूठी कहानी गढ़ रहा है कि सरकार साठगांठ कर पूंजीपतियों के लिये काम कर रही है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी राज्यसभा में आम बजट को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा था कि ‘अमीरों का, अमीरों के लिए और अमीरों द्वारा ‘ बनाया यह बजट देश की उस एक प्रतिशत आबादी के लिये से लाया गया है जिसके नियंत्रण में देश की 73 प्रतिशत संपदा है।

    वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.67 करोड़ मकान बनाये गये हैं, सौभाग्य योजना के तहत अकटूबर 2017 से 2.67 घरों में बिजली पहुंचायी गयी। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत नौ करोड़ से ज्यादा किसानों को उनके खाते में हर साल 6,000 रुपये डाले जा रहे हैं। क्या यह सब गरीबों के लिये नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्रत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2014-15 से 2,11,192 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है, ये सड़के गांवों को जोड़ती हैं। क्या वे गांव अमीरों के हैं?” उन्होंने कहा कि जो लोग बिना सोचे-समझे आरोप लगाते हैं, उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए।” वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के लेन-देन हुए। इसका फायदा लघु और मझोले उद्यामों को मिला। क्या ये सुविधाएं बड़े पूंजीपतियों ने नहीं उठायी हैं।

    उन्होंने कहा कि सरकार ने गांवों में बिजली, सड़क किसानों के खातों में पैसा जैसे जो भी काम किये हैं क्या ‘दामादों’ के लिये किये है? बिल्कुल नहीं। इससे केवल गरीबों को लाभ हो रहा है।” वास्तव में वित्त मंत्री ने दामाद शब्द के जरिये परोक्ष रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट बाड्रा का संदर्भ दिया। बाड्रा पर संप्रग शासन के दौरान अवैध तरीके से लाभ उठाने का आरोप है। कांग्रेस पार्टी और वाड्रा पूर्व में ऐसे आरोपों से इनकार कर चुके हैं। रक्षा बजट में कमी के विपक्ष के आरोप पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह कहना तथ्य आधारित नहीं है कि सरकार ने रक्षा बजट में कमी की है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान से अधिक का प्रावधान किया गया है और यह वृद्धि पूंजी और राजस्व दोनों मदों में की गयी है।

    वित्त मंत्री ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन योजना के बकाये को पूरा करने के लिए पिछले बजट में प्रावधान किया गया था जिसकी इस बार जरूरत नहीं थी। पीएम सम्मान निधि के तहत राशि कम किये जाने के विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिये आबंटन 10,000 करोड़ रुपये कम किया गया है।” वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत आबंटित कोष का उपयोग हमारी सरकार में बढ़ा है। सीतारमण ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) की सारी कमियों को दूर कर इस साल सबसे अधिक 90,500 करोड़ रूपये व्यय किए हैं। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘इस मामले में आपका ट्रैक रिकार्ड खराब है। आपके बजट अनुमान कभी हासिल नहीं किए जा सके।”

    सीतारमण ने कहा कि जरूरी हुआ तो सरकार 2021-22 में मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के अलावा और अधिक धनराशि आबंटित करेगी वित्त मंत्री ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश किया था, जिसमें 34.5 लाख करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान है। कोविड-19 संकट के चलते अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सीतारमण ने बजट पर चर्चा में भाग लेने वाले विभिन्न दलों के 77 सदस्यों को धन्यवाद दिया।(एजेंसी)