Economic revival, need to support financial stability: Shaktikanta Das
File Photo

    Loading

    मुंबई. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बृहस्पतिवार को कहा कि ईंधन के दाम में कमी लाने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वित प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल के दाम में कमी के लिये इन पर लगने वाले करों के मामले में केन्द्र और राज्यों को मिलकर कदम उठाना चाहिये। शक्तिकांत दास बांबे चैंबर आफ कामर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र और राज्यों के बीच समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है क्योंकि दोनों के द्वारा ही ईंधन पर कर लगाये जाते हैं।”

    दास ने हालोकि, यह भी कहा कि केन्द्र और राज्यों दोनों पर ही राजस्व का दबाव बना हुआ है। उन्हें देश और लोगों को कोविड- 19 (Covid-19) महामारी से उत्पन्न दबाव से बाहर निकालने के लिये अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। गवर्नर ने कहा, ‘‘ऐसे में राजस्व की जरूरत और सरकारों की मजबूरी पूरी तरह से समझ में आती है। लेकिन इसके साथ ही यह भी समझने की जरूरत है कि इसका मुद्रास्फीति पर भी प्रभाव पड़ता है। पेट्रोल और डीजल के ऊंचे दाम का विनिर्माण उत्पादन … की लागत पर प्रभाव होता है।”

    उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक (Reserve Bank) डिजिटल मुद्रा पर आंतिरक तौर पर काफी काम कर रहा है और जल्द ही एक व्यापक दिशानिर्देश के साथ प्रगति दस्तावेज जारी किया जायेगा। उन्होंने कहा विनिर्माण क्षेत्र वृद्धि की गति में सुधार लाने का काम कर रहा है। इसके साथ ही देश का एमएसएमई क्षेत्र अर्थव्यवस्था की वृद्धि का इंजन बनकर आगे आया है। गवर्नर ने कंपनियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अधिक निवेश करने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत सफलता की राह पर आगे बढ़ने की दहलीज पर खड़ा है। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लेकर बैंक की कुछ चिंतायें हैं जिन्हें सरकार के साथ साझा किया गया है। भारतीय वित्तीय क्षेत्र आज पहले के मुकाबले कहीं बेहतर स्थिति में है, केन्द्रीय बैंक ने बैंकों में दबाव वाली संपत्ति बढ़ने के मामले में सटीक विचार किया।(एजेंसी)