नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Act) को लेकर चल रहे किसान आंदोलन (Farmer Protest) के बीच केंद्र सरकार (Central Government) के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। देश में खुदरा महंगाई दर (Inflation Rate) में बड़ी गिरावट आई है। मंगलवार को भारत सरकार द्वारा जारी किए आकड़ों के अनुसार खुदरा महंगाई दर नवंबर में जहां दर 6.93 प्रतिशत थी, वो दिसंबर में गिरकर 4.59 प्रतिशत हो गई है।
Retail inflation at 4.59% in December 2020 as compared to 6.93% in November 2020: Government of India https://t.co/m1I5UlqcpG
— ANI (@ANI) January 12, 2021
औद्योगिक उत्पादन में आई कमी
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार नवंबर 2020 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) की संख्या 126.3 है, जो नवंबर 2019 की तुलना में 1.9% कम है।”
रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति महंगाई दर 2-6 प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से सीपीआई आधारित महंगाई दर पर गौर करता है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार नवंबर 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.93 प्रतिशत थी। दिसंबर 2019 में मुद्रास्फीति 7.35 प्रतिशत थी। इससे पहले सितंबर 2019 में मुद्रास्फीति न्यूनतम 4 प्रतिशत पर थी।
दिसंबर में महंगाई दर में कमी में सब्जियों के दाम में सालाना आधार पर 10.41 प्रतिशत की गिरावट का बड़ा प्रभाव है। सब्जियों की महंगाई दर दिसंबर में 10.41 प्रतिशत कम हुई है जबकि नवंबर में रसोई में उपयोग होने वाले जरूरी सामान की मुद्रास्फीति 15.63 प्रतिशत बढ़ी थी। अनाज और उसके उत्पादों की महंगाई दर दिसंबर में 0.98 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व माह में 2.32 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, मांस और मछली के साथ दलहन और उसके उत्पाद खंड में कीमत वृद्धि की दर धीमी रही।
रेटिंग एजेंसी इक्रा लि. की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उम्मीद के अनुरूप मुख्य खुदरा मुद्रास्फीति (बिनिर्मित उत्पादों की मूल्य वृद्धि) दिसंबर में कुछ नरम होकर 5.5 प्रतिशत रही। आने वाले समय में कोविड-19 टीका आने के साथ मुख्य मुद्रास्फीति में सुधार सीमित रह सकती है।
उन्होंने कहा, “उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर मौद्रिक नीति समिति के 2021-22 में 4 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर रहने की संभावना है, ऐसे में मौजूदा चक्र में हम नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद नहीं कर रहे…।”
एक्यूट रेटिंग्स एंडरिसर्च के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट ने थोड़ा अचंभित किया है। अब यह देखना है कि यह नीचे बनी रहती है या नहीं।
उन्हांने कहा, “हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति एमपीसी के संतोषजनक स्तर के करीब पहुंच गया है लेकिन हमारा मानना है कि इसमें और कमी की संभावना कम है और ब्याज दर के मार्चे पर यथास्थिति बनी रह सकती है।”
केंद्रीय बैंक को सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया हुआ है। आरबीआई ने मुद्रास्फीति की चिंता के बीच पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर को यथावत रखा।