RBI

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नयी दिल्ली. रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति (Repo Rate) की समीक्षा पर हुई इस साल की पांचवीं बैठक में नीतिगत दर को 4% पर बरकरार रखा है। नवगठित मौद्रिक नीति समिति की यह पहली बैठक हुई।

बैठक में लिये गये फैसलों की मुख्य बातें इस प्रकार हैं: –

  • रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। 
  • चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में आ सकती है 9.5 प्रतिशत की गिरावट। 
  • जीडीपी में सितंबर तिमाही में 9.8 प्रतिशत और दिसंबर तिमाही में 5.6 प्रतिशत की गिरावट, मार्च तिमाही में 0.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान। 
  • अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान। 
  • आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बरकरार। 
  • दास ने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है। 
  • अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। 
  • नियंत्रण अथवा अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत। 
  • चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान। 
  • मुद्रास्फीति के सितंबर तिमाही में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान। 
  • मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई, कृषि परिदृश्य दिख रहा उज्ज्वल, कच्चे तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद। 
  • रियल टाइम फंड ट्रांसफर के लिये दिसंबर से चौबीसों घंटे काम करेगी आरटीजीएस प्रणाली। 
  • रिजर्व बैंक प्रणाली में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाये रखेगा, अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपये जारी किये जायेंगे।