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नयी दिल्ली. वृहद आर्थिक आंकड़ों और अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय जैसे वैश्विक घटनाक्रमों से इस सप्ताह शेयर बाजारों (Share Markets) की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार को मुद्रास्फीति और आयात-निर्यात जैसे बड़े आंकड़ों का इंतजार रहेगा।” इसके अलावा वैश्विक बाजारों की दिशा ब्रेक्जिट वार्ता, अमेरिका के प्रोत्साहन उपायों आदि से तय होगी।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘बाजार का कुल रुख सकारात्मक है। तरलता की बेहतर स्थिति, वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक घटनाक्रमों तथा अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद के बीच बाजार जुझारू क्षमता दिखा रहा है।” हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका में प्रोत्साहन को लेकर गतिरोध और ब्रेक्जिट वार्ता का नतीजा नहीं निकलने की वजह से बाजार कुछ समय तक इसी स्तर पर टिका रहेगा।

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,019.46 अंक या 2.26 प्रतिशत के लाभ में रहा। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘सूचकांक में कुछ मजबूती के संकेत हैं, जो बाजार की दृष्टि से अच्छा रहेगा।‘” रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख (रणनीति) बिनोद मोदी ने कहा, ‘‘यदि ब्रेक्जिट को लेकर कोई करार नहीं होता है, तो निकट भविष्य में इससे बाजार का रुख प्रभावित हो सकता है। इसके लिए समयसीमा 31 दिसंबर तक है।” उन्होंने कहा कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों के नरम रुख, कंपनियों की आमदनी में सुधार की संभावनाओं और कमजोर डॉलर सूचकांक से घरेलू बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का प्रवाह अनुकूल बना रहेगा। इसके अलावा निवेशकों की निगाह कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव तथा रुपये के रुख पर भी रहेगी