मुंबई: सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्य अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का महत्वाकांक्षी अनुमान लगाकार राज्य अधिक कर्ज ले रहे हैं।
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने राज्यों द्वारा इस तरह से ऋण लिए जाने को लेकर कर्ज सीमा परिभाषित करने के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग ने राज्यों द्वारा लिए जाने वाले कर्ज को (जीएसडी) के आकार से जोड़ने की सिफारिश की थी।
लेकिन राज्य एक वर्ष के दौरान अधिक उधार लेने के लिए बजट में जीएसडीपी का अनुमान ऊंचा कर लगा रहे हैं। घोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान ने वित्त वर्ष 2020-21 या इससे पहले के वित्तीय वर्षों में अपने वास्तविक जीएसडीपी के आकार से तीन प्रतिशत से अधिक उधार लिया है। जो अब लगातार बढ़ता जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया, “हमारा मानना है कि राज्यों के ऋण को निर्धारित करने और इसे जीएसडीपी अनुमानों से अलग करने के लिए एक बेहतर फार्मूला तैयार करने की आवश्यकता है।” (एजेंसी)