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नयी दिल्ली. केंद्र की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) में 1.2 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालने की योजना का सबसे अधिक लाभ तमिलनाडु को मिला है। तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों को इस योजना के अंतर्गत 30,230 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है। तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों को योजना के तहत 20,940 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र की डिस्कॉम को 14,310 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है।

इस योजना का लाभ लेने वाले अन्य राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में तेलंगाना को 12,652 करोड़ रुपये, जम्मू-कश्मीर को 11,024 करोड़ रुपये, कर्नाटक को 7,247 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 6,600 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और आरईसी लि. इस योजना का क्रियान्व़यन कर रही हैं। अभी तक दोनों ने डिस्कॉम में नकदी डालने की योजना के तहत 1,18,273 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल मई में नकदी संकट से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये के नकदी पैकेज की घोषणा की थी। कोविड-19 महामारी की वजह से बिजली वितरण कंपनियों की मांग बुरी तरह प्रभावित हुई है। बाद में इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पीएफसी और आरईसी ने सामूहिक रूप से इस योजना के तहत डिस्कॉम के लिए कुल 1,18,273 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है। योजना के तहत तमिलनाडु को सबसे अधिक 30,230 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। उत्तर प्रदेश को 20,940 करोड़ रुपये और महराष्ट्र को 14,310 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है।” इस योजना के तहत राज्यों को ऋण उनकी मांग तथा पात्रता के आधार पर मंजूर किया गया है।